उत्तराखंड में ऑलवेदर रोड को लेकर स्थिति साफ, जानिए अब कैसा होगा सड़क का रूप
ऑलवेदर रोड के निर्माण को लेकर अब कंफ्यूजन लगभग दूर हो गया है। आगे जानिए पूरा मामला
Sep 27 2020 4:42PM, Writer:Komal Negi
चारधाम ऑलवेदर रोड परियोजना। पीएम नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट। इसके जरिए उत्तराखंड के चारधामों को आपस में जोड़ने की योजना पर काम चल रहा है। ऑलवेदर रोड के निर्माण को लेकर कोर्ट ने अहम फैसला दिया। इसके अनुसार परियोजना के तहत बन रही रोड की चौड़ाई 5.50 मीटर से अधिक नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लेकर जहां प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है तो वहीं जो रोड बन चुकी है, उसे लेकर भी लोगों के मन में कई सवाल थे। इन सवालों का जवाब मिल गया है। चारधाम ऑलवेदर रोड जितनी बनाई जा चुकी है, उस पर न्यायालय का आदेश लागू नहीं होगा। लेकिन परियोजना के जिस हिस्से में सड़क चौड़ीकरण का कार्य शुरू नहीं हुआ है, वहां इसकी चौड़ाई 5.50 मीटर से अधिक नहीं होगी। इसके बाद केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में राज्य सरकार को दिशा-निर्देश भेजे गए हैं। उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने भी हाल में अपने एक फैसले में इस सड़क की चौड़ाई साढ़े पांच मीटर रखने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही संपूर्ण ऑलवेदर रोड परियोजना पर अदालत का फैसला लागू होने को लेकर बनी असमंजस की स्थिति साफ हो गई है। आपको बता दें कि ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत 889 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण हो रहा है। अब तक 400 किलोमीटर लंबी सड़क के चौड़ीकरण का काम पूरा किया जा चुका है। आगे पढ़िए
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परियोजना का करीब 260 किमी का हिस्सा ऐसा है, जिस पर अभी तक चौड़ीकरण का कार्य शुरू नहीं हो पाया था। अब इस सड़क की ब्लैक टॉप चौड़ाई 5.50 मीटर तक ही होगी। यहां आपको पूरा मामला भी जानना चाहिए। उत्तराखंड में इस वक्त ऑलवेदर रोड का काम जारी है। जिसके लिए पेड़ों की कटाई भी करनी पड़ी। सड़क निर्माण कार्य के चलते पर्यावरण को जो नुकसान हुआ, उसे लेकर पर्यावरणविदों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मंगलवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था, कि ऑलवेदर रोड के निर्माण में सड़क परिवहन मंत्रालय के 2018 के सर्कुलर को ही लागू किया जाए। दरअसल परियोजना के तहत चीन से जुड़े सीमा क्षेत्र तक भी सड़क पहुंचाई जानी है। इसलिए केंद्र ने यहां सड़क की चौड़ाई 5 मीटर से बढ़ाकर 7 मीटर रखने की मंजूरी मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि निर्माण कार्य साल 2018 के सर्कुलर के मुताबिक ही कराए जाएं।