गढ़वाल: बदहाल स्कूल को मिला ट्रेन जैसा शानदार लुक..अब यमकेश्वर एक्सप्रेस में बैठकर पढ़ेंगे बच्चे
पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मणझूला के भवन को अब रेलगाड़ी नुमा बनाकर (यमकेश्वर एक्सप्रेस) का स्वरूप दिया जा चुका है। देखिए सुखद तस्वीरें-
Dec 18 2020 8:53PM, Writer:Komal Negi
इस समय कोरोना के चलते प्राथमिक विद्यालयों का संचालन शुरू नहीं किया जा चुका है और काफी समय से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। इसी बीच पौड़ी गढ़वाल के एक प्राइमरी स्कूल ने अब अपने स्कूल के नन्हे-मुन्हे बच्चों को सरप्राइज देने के लिए एक शानदार पहल की शुरुआत की है। पौड़ी गढ़वाल स्थित यमकेश्वर के प्राथमिक स्कूल लक्ष्मण झूला को छोटे बच्चों के लिहाज से क्रिएटिव बनाया जा चुका है। जी हां, पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मणझूला के भवन को अब रेलगाड़ी नुमा बनाकर (यमकेश्वर एक्सप्रेस) का रूप दिया गया है। कोरोना काल के बाद जब यह स्कूल खुलेगा तो छोटे बच्चे बेहद खुश हो जाएंगे। इसलिए क्योंकि स्कूल को अब पूरी तरह से ट्रेन का लुक दिया जा चुका है। स्कूल की बिल्डिंग को इस लिहाज से बनाया है कि वह ट्रेन जैसी लगे। बच्चे जब इसके अंदर पढ़ेंगे तो उनको लगेगा कि कि वे ट्रेन के डिब्बे में बैठ कर पढ़ाई कर रहे हैं। इससे बच्चों के क्रिएटिविटी पर भी काफी सकारात्मक असर पड़ेगा और उनके स्कूल एवं क्लासरूम को नयापन मिलने से बच्चों के बीच भी उत्साह देखने को मिलेगा। रेल गाड़ी वाले इस विद्यालय को यम्केश्वर एक्सप्रेस का नाम दिया गया है। यम्केश्वर ब्लॉक का यह प्राइमरी स्कूल अब लोगों के बीच बेहद चर्चित हो रहा है और प्रधानाचार्य एवं विधायक ऋतु खंडूरी की पहल को काफी सराहा भी जा रहा है। ऐसी कोशिशों से स्कूल के वातावरण में बदलाव आएगा और इसी के साथ बच्चों के बीच कुछ नया करने एवं सीखने की जिज्ञासा भी बढ़ेगी।
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बता दें कि यह प्राइमरी स्कूल लक्ष्मण झूला का भवन काफी अधिक पुराना था और मेंटेनेंस की कमी के कारण यह जर्जर हो चुका था। इसी को देखते हुए स्कूल की प्रधानाचार्य लक्ष्मी बड़त्वाल ने "प्रयास एक" नामक सामाजिक संस्था से स्कूल के भवन को दुरुस्त करवाने की बात की और संस्था की ओर से क्षेत्रीय विधायक ऋतु खंडूड़ी से संपर्क किया गया। विधायक ने स्कूल के रेनोवेशन और नए लुक के लिए 4 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की। वहीं विधायक ने यह भी निर्देश दिए कि स्कूल को कलात्मक रूप दिया जाए ताकि बच्चों के अंदर पढ़ने का उत्साह जागृत हो। स्कूल का भवन कुछ अनोखे अंदाज में हो जिससे यहां पर बच्चों के बीच में कुछ नया सीखने की रुचि पैदा हो। उस के बाद प्रधानाचार्या को स्कूल के भवन को रेलगाड़ी के डिब्बे में तब्दील करने का आईडिया आया और उन्होंने तुरंत ही संस्था के साथ मिलकर स्कूल को नया रूप देने की ठानी।
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1 महीने की मेहनत के बाद स्कूल की जर्जर बिल्डिंग को अब रेल के डिब्बे की शानदार शक्ल मिल गई है और साफ-सफाई के बाद दीवारों पर नीले रंग का पेंट भी किया गया है जैसे कि रेलगाड़ी के डिब्बों पर देखने को मिलता है। बीच में वैसे ही खिड़कियां और धारियां बनाई गई हैं। वैसे ही दरवाजे हैं जिनसे बच्चे अंदर और बाहर आ सकते हैं और यह पूरी बिल्डिंग रेलगाड़ी के डिब्बे जैसी लग रही है। स्कूल के कोने को लाल रंग का पेंट भी किया गया है जैसा कि रेल के इंजन का रंग होता है। वहीं स्कूल की बाउंड्री, वॉल और शौचालय आदि को भी पैंट और दुरुस्त किया गया है। छोटे बच्चों के बीच में ऐसी क्रिएटिविटी जगाने के लिए इस तरह के वातावरण को बनाना बेहद जरूरी होता है जिससे बच्चों को खेल-खेल में ही कुछ ना कुछ जानने और सीखने को मिलता रहता है। विद्यालय के परिवेश को भी इस तरीके से बनाया। अब यह स्कूल बिल्कुल ट्रेन के डिब्बे की तरह दिखता है और इस ट्रेन वाली बिल्डिंग को यमकेश्वर एक्सप्रेस का नाम दिया गया। यमकेश्वर विधायक रितु खंडूड़ी का कहना है कि लक्ष्मणझूला स्कूल को बेहद खूबसूरत स्वरूप दिया गया है। हमारी कोशिश है कि यमकेश्वर ब्लॉक के अन्य विद्यालयों को भी इसी तरह से संवारें ताकि बच्चों में विद्यालय के प्रति रुचि जागे और एक बेहतर शैक्षणिक वातावरण तैयार हो सके।