image: Dadi poti drowned in mahakali river pithoragarh

उत्तराखंड से दुखद खबर, दादी-पोती नदी में बहीं..8 साल की बच्ची का शव बरामद

मरने वाली बच्ची का नाम लतिका था। पूरा परिवार लतिका पर जान छिड़कता था, लेकिन रविवार को लतिका अपनी दादी के साथ आखिरी बार घर से निकली, और कभी लौटकर नहीं आई।
Mar 15 2021 5:47PM, Writer:Komal Negi

पिथौरागढ़ के झूलाघाट में बड़ा हादसा हो गया। यहां लटेश्वर मंदिर में मुंडन संस्कार में शामिल होने गयी दादी और पोती महाकाली नदी में बह गईं। दिनभर चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद एसडीआरएफ की टीम ने आज 8 साल की मासूम का शव बरामद कर लिया। मरने वाली बच्ची का नाम लतिका था। पूरा परिवार लतिका पर जान छिड़कता था, लेकिन रविवार को लतिका अपनी दादी के साथ आखिरी बार घर से निकली, और कभी लौटकर नहीं आई। दादी-पोती के घर से जाने के कुछ ही देर बाद एक मनहूस खबर घर पहुंची। बताया गया कि 8 साल की लतिका और उसकी 55 वर्षीय दादी तारा देवी महाकाली नदी के बहाव में बह गईं। घटना की सूचना मिलते ही घर में कोहराम मच गया। खबर मिलते ही एसडीआरएफ की टीम भी सक्रिय हो गई। दादी और पोती की तलाश के लिए दिनभर सर्च ऑपरेशन चला, लेकिन सफलता नहीं मिली। सोमवार को टीम ने लतिका का शव बरामद कर लिया

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बच्ची की मौत की खबर मिलते ही गांव में मातम पसर गया। लतिका प्राइमरी स्कूल कानड़ी में कक्षा तीन की छात्रा थी। जानकारी के मुताबिक रविवार को सीमू गांव के अरुण चंद का महाकाली नदी के किनारे स्थित लटेश्वर मन्दिर में मुंडन संस्कार किया गया। गांव के ही सुरेश रावत की बेटी लतिका और मां तारा देवी भी आयोजन में शामिल होने गए हुए थे। मुंडन संस्कार खत्म होने के बाद लतिका पानी पीने के लिए महाकाली नदी के किनारे गई और पैर फिसलने से बह गई। पोती को बहते देख दादी तारा देवी ने भी उसे बचाने के लिए नदी में छलांग लगा दी और वह भी बह गईं। मौके पर मौजूद अन्य लोगों ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन उनका कहीं पता नहीं चल पाया। सोमवार को पुलिस और एसडीआरएफ ने लतिका का शव बरामद कर लिया, जबकि तारा देवी की तलाश जारी है। हादसे के बाद गांव में मातम पसरा है।


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