image: Step father raped minor girl

उत्तराखंड: बेटी से दुष्कर्म करने वाले सौतेले पिता को 10 साल जेल..सगी मां भी दोषी करार

हल्द्वानी में एक सौतेले पिता द्वारा अपनी नाबालिक बेटी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में कोर्ट ने 10 साल के कारावास के साथ 30 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है
Mar 17 2021 3:55PM, Writer:Komal Negi

उत्तराखंड में सभी दोषियों को उनके किए की बराबर सजा मिल रही है। लंबे समय से चलते आ रहे दुष्कर्म के केसों में दोषी पाए जाने वाले आरोपितों को भी सजा मिल रही है। हल्द्वानी में भी कुछ ऐसा ही दिल दहला देने वाला दुष्कर्म का मामला सामने आया था जहां पर एक सौतेले पिता ने अपनी नाबालिक बेटी के साथ दुष्कर्म किया था। दुष्कर्म 2011 में हुआ मगर यह पूरी घटना 2016 में प्रकाश में आई। पीड़िता की खुद की सगी मां ने भी इंसानियत को और सभी रिश्तों को भुला कर अपनी बेटी के इस दर्द में उसका साथ नहीं दिया। इस पूरे मामले में और नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में सौतेले पिता को कोर्ट ने 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है और 30,000 के जुर्माना की भी सजा सुनाई है। जबकि इस मामले में पीड़िता की मां को भी दोषी पाते हुए सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश पोक्सो अर्चना सागर की कोर्ट में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी सौतेले पिता को यह कठोर सजा सुनाई गई है और इसी के साथ ही कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल को निर्भया फंड से पीड़िता को 1 लाख की राशि देने के निर्देश दिए हैं।

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आपको बता दें कि यह बलात्कार की घटना 2011 में हुई थी। पीड़िता ने अपने सौतेले पिता की यह काली करतूत अपनी मां को बताई मगर उसकी मां ने भी अपनी बेटी का साथ नहीं दिया। 2016 में यह पूरी घटना प्रकाश में आई। चलिए अब आपको पूरी घटना से अवगत कराते हैं। शासकीय अधिवक्ता रमेश चंद्र जोशी ने बताया कि हल्द्वानी में एक महिला अपने पति को छोड़कर आरोपी आनंद सिंह राणा के साथ रह रही थी। और महिला के साथ ही अपने पहले पति से उसकी डेढ़ साल की बच्ची भी उनके साथ रह रही थी। वर्ष 2011 में जब बच्ची 13 साल की हुई तो उसके सौतेले पिता आनंद सिंह राणा ने अपनी सौतेली बेटी के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। जब पीड़िता ने अपनी मां से इस बारे में शिकायत की और अपना दर्द बयां किया तो उसकी मां ने भी अपनी बेटी का साथ नहीं दिया।

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उसके बाद उसके सौतेले पिता ने उसको अपने किसी परिचित के पास दिल्ली में भेज दिया जहां पर पीड़िता ने वर्ष 2016 में अपनी आपबीती सुनाई। इसके बाद वे दंग रह गए और पीड़िता को वापस हल्द्वानी लाया गया और हल्द्वानी कोतवाली में ले जाकर सौतेले पिता आनंद सिंह राणा और मां सुषमा सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया। पुलिस ने आनंद सिंह राणा के विरुद्ध संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर पति-पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेजा और आनंद सिंह राणा को दोषी पाते हुए 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है और 30,000 का जुर्माना भी लगाया गया है। बुधवार को हाईकोर्ट में इस पूरे मामले में सुनवाई हुई और पीड़िता की मां को भी कोर्ट ने सजा सुनाई है। इसी के साथ कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल को निर्भया फंड से पीड़िता को 1 लाख रुपए देने के निर्देश दिए हैं।


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