कोरोनावायरस: पहाड़ी जिलों में छोटी सी लापरवाही भी होगी जानलेवा..84 इलाके सील
पिछले कुछ दिनों में उत्तराखंड में हालात तेजी से बिगड़े हैं। हर दिन कोरोना के रिकॉर्ड मरीज मिल रहे हैं, ये बताता है कि कहीं न कहीं हमसे गलती तो जरूर हुई है।
May 5 2021 2:27PM, Writer:Komal Negi
दूसरे राज्यों से बिना जांच कराए उत्तराखंड लौट रहे प्रवासी अपने साथ कोरोना संक्रमण का खतरा भी ले आए हैं। पिछले कुछ दिनों में उत्तराखंड में हालात तेजी से बिगड़े हैं। हर दिन कोरोना के रिकॉर्ड मरीज मिल रहे हैं, ये बताता है कि कहीं न कहीं हमसे गलती तो जरूर हुई है। प्रवासियों के साथ कोरोना संक्रमण पहाड़ चढ़ गया है। पहले से स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तरस रहे इन इलाकों के लिए कोरोना नई चुनौती है। पहाड़ में संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ कंटेनमेंट जोन की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। किस पहाड़ी जिले में कितने कंटेनमेंट जोन हैं, नकी संख्या अभी 84 है। चलिए बताते हैं। पहाड़ी जिलों में सबसे ज्यादा कंटेनमेंट जोन उत्तरकाशी जिले में हैं। यहां 60 कंटेनमेंट जोन हैं। भटवाड़ी में 42, बड़कोट में 10 और पुरोला में 05 इलाके सील हैं। जोशियाड़ा में 3 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। चंपावत जिले में भी 20 कंटेनमेंट जोन हैं। यहां टनकपुर में 13, चंपावत में 02, बनबसा में 1, लोहाघाट में 2, बाड़ाकोट और पाटी में एक-एक कंटेनमेंट जोन है।
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इसी तरह पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार में 07 इलाके सील हैं। चाकीसैंण में एक कंटेनमेंट जोन है। पौड़ी में 3 और श्रीनगर में 3 इलाके सील हैं। चमोली में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं। यहां कुल तीन कंटेनमेंट जोन हैं। जिले में गैरसैंण, घाट और कर्णप्रयाग में 1-1 इलाका सील है। टिहरी गढ़वाल में कुल 9 कंटेनमेंट जोन हैं। यहां टिहरी में 05, नरेंद्रनगर में 02 और कीर्तिनगर-घनसाली में दो इलाके सील हैं। रुद्रप्रयाग जिले में ऊखीमठ, जखोली और नगर क्षेत्र में एक-एक कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। पिथौरागढ़ जिले में मूनाकोट ब्लॉक को सील किया गया है। अल्मोड़ा में भी दो इलाके सील किए गए हैं। आपसे यही अपील है कि जितना हो सके घर में रहें। बाहर तभी निकलें जब एकदम जरूरी हो। सैनेटाइजर साथ रखें। पूरी सुरक्षा यानी मास्क लगाकर ही घर से निकलें। कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें।