उत्तराखंड: जिस नौजवान ने 5 बार जीता मिस्टर कुमाऊं खिताब, अब वो वेल्डिंग करने को मजबूर
सफीक अहमद 10 से ज्यादा बार मिस्टर नैनीताल (former Mister Kumaon Safiq Ahmed) भी चुने गए, लेकिन आज हाल ये है कि इस होनहार को फुटपाथ पर स्कूटी-साइकिल की वेल्डिंग करनी पड़ रही है।
Nov 9 2021 1:57PM, Writer:Komal Negi
सरकार खेल प्रतिभाओं को निखारने के तमाम दावे कर रही है, लेकिन इन दावों का सच क्या है, ये जानना हो तो हल्द्वानी चले आइए। यहां डिग्री कॉलेज के सामने ठंडी सड़क पर एक शख्स टेंपो, बाइक और स्कूटी, साइकिल पर वेल्डिंग करता दिखता है। फटे कपड़ों और मोबिल से सने हाथों वाले इस शख्स का नाम सफीक अहमद (former Mister Kumaon Safiq Ahmed) है। सफीक वो शख्स हैं, जिन्होंने बॉडी बिल्डिंग में कुमाऊं क्षेत्र को पहचान दिलाई। वो पांच बार के मिस्टर कुमाऊं रह चुके हैं, लेकिन शासन और फेडरेशन की अनदेखी के चलते आज ये होनहार खिलाड़ी वाहनों की वेल्डिंग कर पेट पाल रहा है। सफीक हल्द्वानी के आजाद नगर में रहते हैं। साल 1996 में 18 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार बॉडी बिल्डिंग में मिस्टर कुमाऊं का खिताब जीता। इसके बाद वो पांच बार मिस्टर कुमाऊं के खिताब से नवाजे गए। उत्तराखंड बॉडी बिल्डिंग फेडरेशन से खेलने वाले सफीक अहमद 10 से ज्यादा बार मिस्टर नैनीताल भी चुने गए, लेकिन आज हाल ये है कि इस होनहार को फुटपाथ पर स्कूटी-साइकिल की वेल्डिंग करनी पड़ रही है.
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कई बार लेना पड़ा कर्जा
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सफीक ने मेहनत मजदूरी कर के जो पैसा कराया, उसे प्रतियोगिताओं में जाने और अपनी प्रतिभा को निखारने में खर्च कर दिया। कई बार कर्जा भी लेना पड़ा। वर्तमान में सफीक के परिवार की स्थिति बहुत खराब है। उन्होंने फुटपाथ पर वेल्डिंग की जो दुकान खोली है, उसे ढकने के लिए तिरपाल तक नहीं है। दिनभर में लगभग 6 सौ रुपये की कमाई होती है, उसमें से 400 रुपये साथ काम करने वाले कर्मचारी को देने पड़ते हैं।
गरीबी में कैसे पलेगा पेट?
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गरीबी में रहकर अपनी प्रतिभा निखारने वाले सफीक आज फुटपाथ पर वेल्डिंग करने को मजबूर हैं। एबीबीएक्स के अध्यक्ष बलवंत पाल कहते हैं कि सफीक अहमद उत्तराखंड बॉडी बिल्डिंग फेडरेशन से खेलकर मिस्टर नैनीताल व मिस्टर कुमाऊं (former Mister Kumaon Safiq Ahmed) जैसे खिताब जीत चुके हैं, लेकिन उन्हें फेडरेशन और शासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली, जो कि बेहद अफसोस की बात है।