image: Fast track court in Haridwar sentenced the convict to death

उत्तराखंड: 9 साल की बच्ची से रेप के बाद हत्या, वहशी हैवान को कोर्ट ने दी मौत की सजा

दरिंदगी की शिकार हुई हरिद्वार की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए पूरा शहर सड़कों पर उतर आया था।
Mar 27 2022 2:11PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

20 दिसंबर 2020। हरिद्वार की ऋषिकुल कॉलोनी में रहने वाली 9 साल की एक मासूम घर की छत पर पतंग उड़ा रही थी। इसी दौरान पड़ोस में रहने वाले रामतीर्थ यादव नाम के आदमी ने बच्ची को पतंग दिलाने के बहाने अपने घर बुलाया।

haridwar rishikul 9 year old girl case

मां को यह बात बताने के बाद बच्ची घर से निकली, लेकिन फिर कभी वापस नहीं लौटी। बाद में हंसती-खेलती बच्ची की लाश एक गोदाम से बरामद हुई। आरोपी रामतीर्थ ने दुष्कर्म के बाद मासूम की रस्सी से गला घोंट कर बेरहमी से हत्या कर दी थी। दरिंदगी की शिकार हुई हरिद्वार की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए पूरा शहर सड़कों पर उतर आया था। लोगों में इस कदर गुस्सा था कि पुलिस के भी हाथ-पांव फूल गए। कई बार जाम लगाए गए, विरोध प्रदर्शन किया गया। कई दिनों की मेहनत के बाद आरोपी रामतीर्थ और राजीव को गिरफ्तार कर लिया गया। घटना के 1 साल बाद मासूम के परिजनों को इंसाफ मिल गया है। कोर्ट ने बच्ची संग दरिंदगी करने वाले हैवान रामतीर्थ को फांसी की सजा सुनाई है। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 12 महीने के भीतर दोषियों को सजा सुना दी। घटना के बाद मासूम का परिवार और शहर के लोग भी फांसी की मांग करते आ रहे थे। उस समय विरोध-प्रदर्शनों के अलावा दुखी स्वजनों को सांत्वना देने के दौरान अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के सामने भी एकमात्र मांग यही रखी गई थी। आगे पढ़िए

कोर्ट का फैसला आने पर मुख्य अभियुक्त रामतीर्थ को फांसी की सजा सुनाए जाने पर परिवार ने संतोष व्यक्त किया है। हालांकि स्वजनों का यह भी कहना है कि मामले में रामतीर्थ के मामा राजीव की भूमिका भी गंभीर थी। उसे भी गंभीर सजा मिलनी चाहिए थी। बता दें कि 1 साल पहले हुई इस घटना के बाद शहर में उग्र प्रदर्शन हुए थे। इस मामले में मुख्य आरोपी को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि उसका मामा राजीव फरार हो गया था। बाद में सुल्तानपुर से राजीव की गिरफ्तारी हो गई। तब कहीं जाकर शहरवासियों का गुस्सा शांत हुआ था। नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले में अदालत ने मुख्य अभियुक्त को फांसी और एक लाख 30 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं सह अभियुक्त राजीव को सबूत छिपाने का दोषी करार देते हुए 5 साल की कैद और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। सजा पाने वाले अभियुक्त मामा-भांजा हैं।


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