देवभूमि के जागेश्वर धाम में बाहरी तांत्रिकों का मायाजाल, धड़ल्ले से कर रहे हैं जादू-टोना-तंत्र साधना
अल्मोड़ा के जागेश्वर में स्थित शिवधाम में तांत्रिकों का अनुष्ठान, किसी जमाने में कुमाऊं के राजाओं का शमशान हुआ करता था यह मंदिर
May 28 2022 6:57PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
तंत्र-मंत्र, कालाजादू, टोना टोटका, करने वाले कई तांत्रिकों के बारे में अपने कई कहानियों में पढ़ा होगा, कई खबरें भी पढ़ी होंगी। मगर अल्मोड़ा के जागेश्वर में तो साक्षात यह तांत्रिक जादू टोना कर रहे हैं।
Tantriks are doing tantra sadhna in Jageshwar Dham
जी हां, अल्मोड़ा का जागेश्वर क्षेत्र लगातार हो रहे तांत्रिक अनुष्ठानों की वजह से चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां पर बाहरी क्षेत्रों से लोग अपनी मनवांछित इच्छा पूरी करने के लिए तांत्रिक अनुष्ठान करवा रहे हैं। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि क्षेत्र में तांत्रिक अनुष्ठान हो रहे हैं लेकिन पुलिस को इस बात की भनक तक नहीं है। वहीं जागेश्वर मंदिर कमेटी के कई लोग मंदिर में हो रहे इस तांत्रिक अनुष्ठानों के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि जागेश्वर में किसी भी स्थानीय व्यक्ति को तांत्रिक विद्या या फिर टोना टोटका नहीं आता। यह बाहर से आने वाले लोगों की करतूतें हैं और यह महिलाओं का शोषण और किसी परेशान व्यक्ति से धन लूटने का एक जरिया है। कहा जा रहा है कि सभी तांत्रिक बाहरी क्षेत्रों के हैं। जागेश्वर के किसी भी व्यक्ति का इससे दूर दूर तक कोई संबंध नहीं है। स्थानीय लोगों ने बताया कि हाल ही में यहां पर एक बंगाली तांत्रिक ने 11 दिनों तक अनुष्ठान किया और इस बंगाली तांत्रिक को दक्षिणा के तौर पर भारी-भरकम रकम दी गई है और बंगाली तांत्रिक की शिष्य को भी वहीं पर एक मकान उपहार के तौर पर दिलाया गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि क्षेत्र में कोई भी तंत्र विद्या का जानकार नहीं है जो भी लोग आ रहे हैं वह बाहरी क्षेत्रों से आ रहे हैं। लोगों ने बोला कि इन सभी लोगों के ऊपर मंदिर कमेटी और स्थानीय लोगों को नजर रखनी चाहिए और अगर कोई अनुष्ठान हो रहा है तो उसकी जानकारी भी प्रशासन को दी जानी चाहिए ताकि लोगों के बीच में किसी भी प्रकार का अंधविश्वास ना फैल पाए।
History of Jageshwar Dham
कहा जाता है कि किसी जमाने में यहां पर बड़ी संख्या में तंत्र वादी कापालिक तथा अघोर पंथी शवों की साधना किया करते थे और टोना-टोटका भी किया करते थे। जागेश्वर के जगन्नाथ मंदिर के द्वार पर शिव की जो मूर्ति है उसके हाथ में एक लकूट के सिरे पर कपाल बना हुआ है।अब एक बार फिर से जागेश्वर तांत्रिकों का अड्डा बनता जा रहा है और स्थानीय लोगों ने इस पर आपत्ति जताते हुए प्रशासन से सख्त कदम उठाने की और कार्यवाही करने की अपील की है। जागेश्वर के प्रधान पुजारी हेमंत भट्ट के अनुसार जागेश्वर मंदिर में किसी भी प्रकार के तांत्रिक अनुष्ठान नहीं होते हैं। अगर आसपास के किसी क्षेत्र में होते भी होंगे तो उसकी जानकारी फिलहाल नहीं है। तो वहीं अल्मोड़ा के एसएसपी प्रदीप कुमार राय ने कहा है कि फिलहाल पुलिस के पास इस तरह की कोई भी जानकारी नहीं आई है। पुलिस के पास जैसे ही इससे जुड़ी जानकारी आती है पुलिस तत्काल रुप से कार्यवाही करेगी।