image: Tirath Singh Rawat Trivendra Singh Rawat Statement on Dhami Sarkar

‘उत्तराखंड की राजनीति में मची हलचल, दो पूर्व मुख्यमंत्रियों बयानों से गरमाई सियासत

बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों ने भ्रष्टाचार पर बयान देकर विरोधी पार्टियों को बैठे-बिठाए मुद्दा दे दिया है। अब तमाम विरोधी दल धामी सरकार के जीरो टॉलरेंस के दावों को हवाई बताते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।
Nov 15 2022 6:36PM, Writer:कोमल नेगी

प्रदेश की धामी सरकार बढ़िया काम कर रही है, लेकिन लगता है कि भीतरखाने बीजेपी के कुछ लोग अपनी सरकार के काम से खुश नहीं हैं।

Tirath Singh Rawat Trivendra Singh Rawat Statement

कुछ समय पहले पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रामनगर दौरे के दौरान प्रदेश में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था। कहा था कि भ्रष्टाचार प्रदेश को भीतर से खोखला कर रहा था। भ्रष्टाचार दोनों हाथों से होता है। ऐसे में इस पर प्रभावी नियंत्रण की जरूरत है। ये सब चल ही रहा था कि बीते दिनों पूर्व सीएम और गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने कमीशनखोरी को लेकर बड़ी बात कह दी। उन्होंने एक वीडियो में कहा कि यूपी से अलग होने के बाद भी प्रदेश में कमीशनखोरी बढ़ी है। वीडियो वायरल होने के बाद उत्तराखंड में सियासी गर्मी बढ़ गई है। मामले को बीजेपी में अंतरकलह से जोड़कर देखा जा रहा है। इतना ही नहीं तीरथ ने कमीशनखोरी पर बयान देकर कांग्रेस, उक्रांद और आम आदमी पार्टी को बैठे-बिठाए बड़ा मुद्दा दे दिया है। तमाम विरोधी दल धामी सरकार के जीरो टॉलरेंस के दावों को हवाई बताते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। बता दें कि तीरथ सिंह रावत ने मीडिया में कहा था कि प्रदेश में कहीं भी बिना कमीशन के कुछ नहीं होता। भ्रष्टाचार के लिए अधिकारी और जनप्रतिनिधि दोनों ही दोषी हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में अधिकारियों को तो दंडित किया जा रहा है, लेकिन इसके पीछे शामिल जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई नहीं होती। तीरथ के बयान को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार की इंतेहा कर दी है। पूर्व सीएम तीरथ का बयान आने के बाद इस सरकार को सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रह गया है। आगे पढ़िए

उधर पूर्व सीएम तीरथ के बयान के बाद अब पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्मार्ट सिटी के काम पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने साफ कहा कि जब स्मार्ट सिटी के रूप में देहरादून का चयन किया गया था तो इसका नंबर 99 था लेकिन केवल 3 साल में ही इसका नंबर 9 पर आ गया, इतना अच्छा काम हुआ। लेकिन अब ऐसा क्या हो रहा है की इसके निर्माण कार्यों पर सवाल उठ रहे हैं। पूर्व सीएम के अनुसार उन्हें स्मार्ट सिटी के कामों में गड़बड़ी का अंदेशा है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने ये भी कहा कि परेड ग्राउंड पर बना मंच भी तोड़ा जा रहा है। अगर एक बार मास्टर प्लान बन जाता है तो उसको बदला नहीं जाना चाहिए। इससे तो देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने का सपना पूरा नहीं हो सकेगा। स्मार्ट सिटी के सीईओ को भी हटाया नहीं जाना चाहिए, क्योंकि पहले जो था उसके कामों पर बाद वाला सवाल खड़े करता है।


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