image: 10 thousand minor children missing in Uttarakhand in 23 years

उत्तराखंड में तस्करों के निशाने पर मासूम बच्चे, 23 साल में 10 हजार से ज्यादा लापता

राज्य गठन के बाद से उत्तराखंड में 10 हजार से ज्यादा नाबालिग (बालक एवं बालिकाएं) लापता हुए। पुलिस इनमें से 96 फीसदी नाबालिगों को ढूंढने में कामयाब रही।
Sep 20 2023 5:15PM, Writer:कोमल नेगी

हमारे समाज में बच्चों और महिलाओं को सुरक्षा देने की बात कही जाती है, लेकिन दुर्भाग्य से आज यही वर्ग सबसे ज्यादा असुरक्षित है।

10 thousand minor children missing in Uttarakhand

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि अलग राज्य गठन के बाद से उत्तराखंड में 10 हजार से ज्यादा नाबालिग (बालक एवं बालिकाएं) लापता हुए। राहत वाली बात ये है कि इनमें से 96 फीसदी नाबालिगों को ढूंढ कर उनके परिजनों को सौंप दिया गया। प्रदेश में महिलाओं की गुमशुदगी के भी हजारों केस सामने आए हैं। बीते 23 साल में अब तक 11 हजार से अधिक महिलाएं लापता हुईं, जिनमें से 90 फीसदी को पुलिस ढूंढने में कामयाब रही। ये जानकारी डीजीपी अशोक कुमार ने दी। ऑपरेशन स्माइल की समीक्षा के बाद उन्होंने कहा कि पुलिस ह्यूमन ट्रैफिकिंग व अन्य कारणों को ध्यान में रखते हुए गुमशुदा लोगों की तलाश में जुटती है। इसके लिए समय-समय पर ऑपरेशन स्माइल चलाया जाता है।

खास बात ये है कि उत्तराखंड में गुमशुदा को तलाशने के लिए ऑपरेशन स्माइल फिर से चलाया जा रहा है। ऑपरेशन स्माइल एक सितंबर से 31 अक्टूबर तक चलेगा। इसके तहत 13 जिलों में कुल 26 टीमें बनाई गई हैं। इनमें एक एसआई और चार कांस्टेबल शामिल होते हैं। डीजीपी ने समीक्षा बैठक के दौरान बताया कि राज्य गठन के बाद से 31 अगस्त तक 5662 बालक गुमशुदा हुए थे। इनमें से 5437 को बरामद कर लिया गया है। इसके साथ ही 4896 बालिकाएं लापता हुईं थीं। इनमें से 4705 को पुलिस ने ढूंढ निकाला है। बता दें कि एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2021 से मई 2023 तक कुल 3854 महिलाओं की गुमशुदगी दर्ज की गई। इसी अवधि में कुल 1134 लड़कियां गुमशुदा दर्ज हुई हैं। इस तरह हर साल प्रदेश से हजारों लड़कियां और महिलाएं गायब हो रही हैं, हालांकि ज्यादातर खुशकिस्मत बेटियों को पुलिस वापस लाने में कामयाब भी रही है।


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