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Uttarakhand News: ड्राइवर पिता का बेटा बना अफसर, पहले ही प्रयास में पास की PCS परीक्षा

सफलता की ओर पहला कदम तब उठता है जब आप अपने सपनों को सच करने का संकल्प लेते हैं। किसी भी परीक्षा को पास करने की यात्रा न केवल आपकी मेहनत का नतीजा है, बल्कि आपके आत्मविश्वास और समर्पण की भी कहानी है।
Aug 31 2024 8:06PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

अभिजीत सिंह ने उत्तराखंड पीसीएस परीक्षा में सफलता प्राप्त की है और वे समाज कल्याण सुपरिटेंडेंट के पद पर चयनित हुए हैं। अभिजीत सिंह के पिता पेशे से एक ड्राइवर हैं।

Abhijeet Becomes Social Welfare Superintendent in Uttarakhand

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने हाल ही में पीसीएस 2021 मुख्य परीक्षा के परिणाम की घोषणा किया है जिसमें 289 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। इस सूची में हल्द्वानी के निवासी अभिजीत सिंह का नाम भी शामिल है। अभिजीत की इस सफलता से उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है। उनके पिता बलदेव सिंह एक ड्राइवर हैं और उनकी मां, नीरज सिंह, गृहिणी हैं। माता-पिता की वर्षों की मेहनत और समर्पण का फल आज उनके छोटे बेटे की पीसीएस अफसर बनने की सफलता में देखने को मिला है। परिवार के बड़े बेटे प्राइवेट क्षेत्र में काम कर रहे हैं, लेकिन पिता अपनी कमाई का अधिकांश हिस्सा बच्चों की शिक्षा पर ही खर्च करते थे। जिसके नतीजे से आज छोटा बेटा इस पद तक पहुंचा है।

वर्तमान में समाजशास्त्र से कर रहे हैं पीएचडी

अभिजीत सिंह समाज कल्याण विभाग में सुपरिटेंडेंट के पद चयनित हुए हैं। वे वर्तमान में समाजशास्त्र में पीएचडी कर रहे हैं और नैनीताल के डीएसबी कैंपस में प्रोफेसर अर्चना श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में शोध कार्य कर रहे हैं। उन्होंने साल 2021 में नेट-जेआरएफ भी क्वालिफाई किया था। पीसीएस परीक्षा की तैयारी के बारे में अभिजीत ने बताया कि उन्होंने पीएचडी के साथ-साथ सेल्फ स्टडी की, किसी कोचिंग की सहायता नहीं ली। उन्होंने हर दिन 10 से 12 घंटे पढ़ाई की। यह उत्तराखंड पीसीएस परीक्षा में उनका पहला प्रयास था।

अभिजीत ने बताया सफलता का मंत्र

अभिजीत सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हल्द्वानी के न्यू मॉडर्न स्कूल से प्राप्त की और इसके बाद हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की पढ़ाई गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल से की। एमबीपीजी कॉलेज से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने वर्तमान में नैनीताल से पीएचडी की पढ़ाई जारी रखी है। अभिजीत ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को अपनी पढ़ाई और लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। पढ़ाई को बोरिंग न बनाने के लिए छात्रों को अन्य गतिविधियों में भी संलग्न रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि वे रात-रातभर जागकर मेहनत करते थे, जो आज उनकी सफलता का कारण बनी है। अभिजीत की पीसीएस अफसर बनने की सफलता से पूरे परिवार में ख़ुशी का माहौल है।


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