Uttarakhand News: चौखम्बा में फंसी विदेशी महिलाओं ने सुनाई आपबीती, बर्फ खाकर स्लीपिंग बैग में बिताये 3 दिन
चौखंभा पर्वत पर फंसे दोनों पर्वतारोहियों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया गया है। इस अभियान के सफल परिणामों पर पर्वतारोहियों ने खुशी व्यक्त की और मुख्यमंत्री धामी ने रेस्क्यू टीम की मेहनत की प्रशंसा की।
Oct 7 2024 4:07PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
चौखम्बा पर्वतारोहण के दौरान दोनों पर्वतारोही महिलाओं ने एक चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना किया, जब उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा। उन्होंने दो दिन तक बर्फ खाकर अपनी भूख और प्यास को मिटाया।
Successful Rescue of Foreign Climbers Trapped in Chaukhamba
चौखम्भा पर्वत चढ़ते हुए 6015 मीटर की ऊंचाई पर अपने सभी प्रमुख उपकरण खोने के बाद फंसी दो विदेशी महिला पर्वतारोहियों को रविवार सुबह सही सलामत रेस्क्यू कर लिया गया है। चौखंबा की बर्फीली चट्टानों में फंसी दो विदेशी पर्वतारोहियों की जान पर बन आई, जब 3 अक्टूबर को अमेरिका की 23 वर्षीय मिशेल थेरेसा डूरक और इंग्लैंड की 27 वर्षीय फैव जेन मैनर्स लगभग 6015 मीटर की ऊंचाई पर थीं। आरोहण के दौरान उन्हें एहसास हुआ कि शायद चौखंबा थ्री की चोटी तक पहुंच पाना उनके लिए मुश्किल होगा। दोपहर करीब 12 बजे उन्होंने लौटने का निर्णय लिया। लेकिन नीचे उतरते समय एक बड़ी बर्फीली चट्टान मिशेल थेरेसा पर गिर पड़ी, जिससे उनका बैग गहरी खाई में जा गिरा।
एक स्लीपिंग बैग में बिताए तीन दिन
बैग में उनके पर्वतारोहण के सभी उपकरण, जैसे रस्से और पीटोन रखे थे। इस घटना के बाद उनके पास नीचे उतरने के लिए आवश्यक साधन नहीं बचे थे। कुछ दूरी तक हिम्मत जुटाकर उतरने के बाद दोनों पर्वतारोही खड़ी हिम चट्टानों और गहरी खाई के बीच फंस गईं और वहीं रुकने का निर्णय लिया। अंततः उन्होंने अपने फंसे होने का संदेश इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन (आईएमएफ) और जोशीमठ के स्थानीय टूर ऑपरेटरों को भेजा। उन्होंने इसी चट्टान पर स्लीपिंग बैग में दो रातें और तीन दिन बिताए।
बर्फ खाकर मिटाई भूख-प्यास
मिशेल और फैव ने बताया कि 4 और 5 अक्टूबर को जब उनके पास खाने को कुछ नहीं बचा, तो उन्होंने बर्फ खाकर अपनी भूख और प्यास मिटाई। 4 अक्टूबर को कई बार हेलीकॉप्टर उनकी खोज में आया, पर वे बटरस में फंसी होने के कारण सही से संकेत नहीं दे पाईं। मौसम साफ रहने से उनकी किस्मत ने साथ दिया और तीन दिन के ऑपरेशन के बाद राज्य सरकार और केंद्र सरकार के सहयोग से उनका सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन और सेना के चीता हेलीकॉप्टरों की मदद से यह अभियान सफल रहा।
3 अक्टूबर से शुरू हुआ था रेसक्यू
आपदा प्रबंधन विभाग चमोली को 3 अक्टूबर की सांय को भारतीय पर्वतारोही महासंघ (IMF) के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि 2 विदेशी पर्वतारोही चौखंभा पर्वत मे 6015 मीटर की ऊंचाई पर फंस गई हैं। सूचना मिलने पर आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी सम्बंधित सुरक्षा दलों को अलर्ट करते हुए भारतीय वायु सेना से चौखंभा पर्वत ट्रेक पर फंसे हुए नागरिकों को सुरक्षित निकाले जाने का अनुरोध किया। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF ), आपदा प्रबंधन बिभाग चमोली, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और भारतीय वायु सेना ने 4 अक्टूबर से बचाव अभियान शुरू किया, तथा वायु सेना ने महिलाओं को रेस्क्यू करने के लिए दो हेलीकॉप्टर भी भेजे थे। बचाव अभियान के तीसरे दिन रविवार 6 अक्टूबर को दोनों पर्वतारोहीयों को सुरक्षित रेस्क्यू कर दिया गया।
चौखम्भा III पर फंसे अमेरिका और ब्रिटेन की नागरिक
चौखम्भा III चोटी पर फंसी पर्वतारोही अमेरिका और ब्रिटेन की नागरिक हैं। इन दोनों में से जो ज्यादा अनुभवी पर्वतारोही हैं वे ब्रिटेन की फे मैनर्स हैं। फे मैनर्स 2022 में ग्रैंड जोरासेस के दक्षिणी भाग पर फैंटम डायरेक्ट मार्ग पर चढ़ने वाली पहली महिला थीं, साथ ही स्विट्जरलैंड के बर्नीज़ ओबरलैंड में ईगर के उत्तरी भाग और अलास्का के डेनाली पर कैसिन रिज जैसे प्रसिद्ध अल्पाइन मार्गों पर चढ़ने वाली भी थीं। उनकी साथी पर्वतारोही अमेरिका के वाशिंगटन की मिशेल ड्वोरक हैं। मिशेल ड्वोरक अमेरिका की जलवायु विज्ञान की पीएचडी की छात्रा हैं। कल रविवार को इन दोनों को ही उत्तराखंड सुरक्षा बल ने सही सलामत रेस्क्यू कर लिया है।