बाबा मद्महेश्वर मंदिर के कपाट आज पूरे विधि-विधान और ऊं नम: शिवाय के उदघोष के साथ भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं।
May 21 2025 3:07PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
द्वितीय केदार मद्महेश्वर मंदिर के कपाट आज सुबह 11:30 बजे पूरे विधि-विधान और ऊं नम: शिवाय के उदघोष के साथ खोल दिए गए हैं। इस अवसर पर तीन सौ से अधिक तीर्थयात्री और स्थानीय श्रद्धालु कपाट खुलने के साक्षी बने। कपाट खुलने के समय मद्महेश्वर मंदिर को फूलों से सजाया गया था।
बाबा मद्महेश्वर मंदिर के कपाट आज 21 मई को कर्क लग्न में पूर्वाह्न 11:30 बजे शुभ मुहूर्त पर भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं। इस अवसर पर तीन सौ से अधिक तीर्थयात्री और स्थानीय श्रद्धालु कपाट खुलने के साक्षी बने।
स्वयंभू शिवलिंग का समाधि रूप में श्रृंगार
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कपाट खुलने के समय मंदिर को फूलों से सजाया गया था। कपाट खुलने की प्रक्रिया साढ़े दस बजे से द्वार पूजा के साथ शुरू हुई। इस दौरान भगवान मद्महेश्वर जी की चल विग्रह डोली मंदिर परिसर में पहुंच गई थी। पुजारी शिवलिंग स्वामी ने कपाट खुलने के बाद भगवान मद्महेश्वर के स्वयंभू शिवलिंग का समाधि रूप में श्रृंगार किया।
शिवलिंग के निर्वाण और श्रृंगार दर्शन
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श्रद्धालुओं ने शिवलिंग का पहले निर्वाण दर्शन किया और फिर श्रृंगार दर्शन किया। भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह डोली ने सबसे पहले भंडार और बर्तनों का निरीक्षण किया। मद्महेश्वर के कपाट खोलने के सु-अवसर पर बदरी-केदार मंदिर समिति ने यात्रा की तैयारियां की हैं।
कपाट खुलने के अवसर पर कई श्रदालु रहे उपस्थित
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द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट खुलने के अवसर पर पंच गोंडारी हक हककहूकधारी के साथ बीकेटीसी के पूर्व सदस्य शिवसिंह रावत, वेदपाठी अरूण नौटियाल, प्रबंधक प्रकाश पुरोहित, देवरा प्रभारी देवेंद्र पटवाल, डोली यात्रा प्रभारी दीपक पंवार और अन्य तीर्थयात्री उपस्थित रहे।
आज मद्महेश्वर धाम पहुंची डोली
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बीकेटीसी मीडिया के प्रवक्ता डा. हरीश गौड़ ने जानकारी दी कि बाबा मद्महेश्वर की चल विग्रह डोली रविवार 18 मई को ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ के परिसर में विराजमान हो गयी थी। उसके अगले दिन यानि 19 मई, सोमवार को डोली उखीमठ से राकेश्वरी मंदिर रांसी के लिए रवाना हुई। जहाँ से 20 मई, मंगलवार को डोली का द्वितीय पड़ाव गौंडार गांव में रहा और आज, 21 मई, बुधवार को बाबा की डोली मद्महेश्वर मंदिर में पहुंची। जिसके बाद पूर्वाह्न 11:30 बजे कर्क लग्न में द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट भक्तों के लिए खोले गए।