उत्तराखंड के मंजू दहेज हत्याकांड में कोर्ट का बड़ा फैसला, पति और ससुर को उम्रकैद
दहेज के लिए मारी गई मंजू को इंसाफ मिल गया, कोर्ट ने पति-ससुर को दहेज हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है..
Aug 3 2019 5:28PM, Writer:Komal Negi
दहेज प्रथा का खात्मा करने के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं, पर ये कानून दहेजलोभियों के सामने बौने साबित हो रहे हैं। दहेजलोभियों को आज भी दुल्हन से ज्यादा दहेज प्यारा है। दहेज के लिए बेटियां मारी जा रही हैं। पिछले साल 4 जुलाई को ऋषिकेश में भी एक बेटी दहेजलोभियों के लालच की भेंट चढ़ गई थी। पति और ससुर ने दहेज के लिए उसकी हत्या कर दी थी। इस मामले में कोर्ट ने पति और ससुर को दोषी पाया, और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। दहेज के लालची पति और ससुर अब जेल में सड़ेंगे। कोर्ट ने उन पर 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया है। पूरा मामला क्या है। चलिए बताते हैं। 4 जुलाई 2018 को रायवाला थाने में पंकज नाम के व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पंकज उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले हैं। अपनी शिकायत में पंकज ने कहा कि ससुरालवालों ने उनकी बहन मंजू को दहेज के लिए मार दिया है। मंजू की मौत 1 जुलाई 2018 को हुई थी। उस वक्त वो ऋषिकेश के हरिपुरकलां बालाजी आश्रम में किराये के मकान में पति रोहित और ससुर ओमप्रकाश के साथ रह रही थी।
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आरोप था कि पति रोहित और ससुर ओमप्रकाश मंजू को दहेज के लिए प्रताड़ित कर रहे थे। मंजू ने विरोध किया तो दोनों आरोपियों ने 22 साल की मंजू को गला दबाकर मार दिया। बाद में हत्या को आत्महत्या साबित करने की कोशिश की। दोनों आरोपियों कि शिकायत रायवाला पुलिस को मिली, तो पुलिस ने जांच शुरू कर दी। दोनों के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज हुआ। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जिसके बाद से मामला कोर्ट में विचाराधीन था। शुक्रवार को द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने मंजू तिवारी हत्याकांड में फैसला सुनाया। पति और ससुर पर लगे आरोप सही पाए गए। कोर्ट ने दोनों को हत्या का दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 10-10 हजार रुपये बतौर जुर्माना भरने को कहा है। जुर्माना ना भरने पर दोनों को 3-3 महीने की सजा और भुगतनी पड़ेगी।