दुखद: उत्तराखंड की पूर्व DGP कंचन चौधरी का निधन, मुंबई में ली आखिरी सांस
कंचन चौधरी भट्टाचार्य ने ना सिर्फ जनता के लिए, बल्कि पुलिस महकमे के लिए भी उल्लेखनीय काम किए थे...
Aug 27 2019 11:01AM, Writer:आदिशा
पिछले कुछ दिन देश के लिए बेहद मुश्किल भरे रहे हैं। राजनीतिक हस्तियों के साथ ही दूसरे क्षेत्रों की कई मशहूर हस्तियां अचानक ये दुनिया छोड़कर चली गईं। ऐसी ही दुखद खबर मुंबई से आई है। देश की पहली महिला डीजीपी कंचन चौधरी भट्टाचार्च का मुंबई में सोमवार देर शाम निधन हो गया। पूरा देश इस वक्त सदमे में है, उत्तराखंड में भी शोक की लहर है। अपनी खूबसूरत मुस्कान और जुझारू व्यक्तित्व के लिए पहचाने जाने वालीं कंचन चौधरी भट्टाचार्य अचानक दुनिया को अलविदा कह गईं। कंचन चौधरी भट्टाचार्य उत्तर प्रदेश कैडर की 1973 बैच की आईपीएस अफसर थीं। जब उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड अलग राज्य बना तो कंचन उत्तराखंड कैडर में शामिल हों देहरादून आ गईं। वो मूल रूप से हिमाचल की रहने वाली थीं। नारायण दत्त तिवारी सरकार के दौरान वो उत्तराखंड में डीजीपी रहीं। इस दौरान उन्होंने कई उल्लेखनीय काम किए। अक्टूबर साल 2007 में वो उत्तराखंड पुलिस से रिटायर हो गईं।
यह भी पढें - शिक्षक आशीष डंगवाल ने उत्तराखंड के नाम एक प्यारा सा संदेश दिया है..आप भी पढ़िए
पुलिस से रिटायरमेंट के बाद भी कंचन चौधरी सामाजिक क्षेत्र में काम करती रहीं। उन्हें कई सम्मानों से नवाजा गया। साल 1989 में उन्हें राष्ट्रपति विशिष्ट सेवा मेडल मिला था। साल 1997 में उन्हें सेवा मेडल और साल 2004 में राजीव गांधी विशेष सेवा मेडल मिला। पुलिस महकमा आज भी उन्हें याद करता है, क्योंकि उत्तराखंड की डीजीपी रहते वक्त उन्होंने पुलिस महकमे के हित में कई काम किए। साल 2014 में उन्होंने आम आदमी पार्टी के टिकट पर हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था, पर उन्हें सफलता नहीं मिली। उस वक्त चुनाव में डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक जीते थे, जो कि सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ वर्तमान में मानव संसाधन मंत्री हैं। 72 साल की कंचन लंबे समय से बीमार चल रही थीं। मुंबई के एक प्राइवेट अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। सोमवार शाम उनका निधन हो गया। देश की पहली महिला और प्रदेश की पूर्व डीजीपी कंचन चौधरी भट्टाचार्य के निधन पर सीएम, राज्यपाल और सीनियर पुलिस अधिकारियों ने शोक जताया। उन्हें श्रद्धांजलि दी।