image: Migrating from mountainous areas will stop the promotion of flower farming

पहाड़ से पलायन रोकने में मददगार साबित हो रहा ये फूल, किसानों की लाखों में कमाई

सीमावर्ती जिले पिथौरागढ़ में फूलों की बगिया किसानों की जिंदगी को खुशी से महका रही है...
Dec 19 2019 12:16PM, Writer:कोमल

उत्तराखंड में रोजगार की संभावनाओं की कमी नहीं है, बस कमी है तो इन संभावनाओं को अवसर में बदलने की। पहाड़ में कई काश्तकार हैं, जो कि फूलों की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। सीमावर्ती जिले पिथौरागढ़ में फूलों की बगिया किसानों की जिंदगी को खुशी से महका रही है। यहां गेंदे, गुलाब, ट्यूलिप की पैदावार तो हो ही रही है, साथ ही किसानों को एक और फूल की खेती में सफलता मिली है। इस फूल का नाम है लिलियम ये फूल आमतौर पर विदेशों में मिलता है। हॉलैंड में इसकी खूब पैदावार होती है, पर उत्तराखंड में भी इसकी खेती के लिए उपयुक्त माहौल है। पिथौरागढ़ के किसान इसकी खूब खेती कर रहे हैं, उन्हें अच्छी आमदनी भी हो रही है। बाजार में लिलियम के एक फूल कीमत 40 से 50 रुपये के बीच है। हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में ये खूब फलता है। पिथौरागढ़ में जो किसान इसकी खेती कर रहे है, उन्हें सहकारिता विभाग भी मदद दे रहा है

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड में दर्दनाक हादसा...खाई में गिरी बाइक, 4 युवकों की मौत
सहकारिता के जरिए फूलों को पिथौरागढ़ से सीधे दिल्ली की मंडी तक पहुंचाया जाता है, जहां इसके अच्छे दाम मिलते हैं। हॉलैंड के इस फूल की इंडिया में खूब डिमांड है। बात करें पूरी दुनिया की तो विदेशों में ट्यूलिप के बाद जिस फूल की सबसे ज्यादा डिमांड है, वो लिलियम ही है। पिथौरागढ़ में पैदा होने वाले लिलियन के बल्ब को हॉलैंड से मंगाया जाता है। भारत लिलियन फूल के 15 से 20 लाख बल्बों का हॉलैंड का आयात करता है। पिथौरागढ़ के नाचनी और रामगंगा नदी घाटी के तल्ला जोहार में लिलियम की खेती आजीविका का साधन बनने के साथ ही, पलायन रोकने में भी मददगार साबित हो रही है। इस वक्त इलाके में 40 पॉलीहाउस में 45 हजार लिलियम के फूल लगे हैं, जिससे काश्तकारों को 18 लाख की आमदनी होगी। पहाड़ के दूसरे क्षेत्रों मे भी लिलियम की खेती को बढ़ावा दिया जा सकता है। इससे खेती-किसानी तो बचेगी ही, साथ ही पलायन भी रुकेगा।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home