धन्य है बीरोंखाल की राखी, भाई को बचाने के लिए गुलदार से लड़ी..मिलेगा वीरता पुरस्कार
बीरोंखाल की राखी को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। 26 जनवरी को उसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सम्मानित करेंगे...राखी ने गुलदार से अपने भाई को बचाया था।
Dec 21 2019 6:52PM, Writer:कोमल
पहाड़ की 11 साल की राखी को सलाम...ये बच्ची अपने 4 साल के भाई को मौत के मुंह से खींच लाई। राखी के भाई पर गुलदार ने हमला कर दिया था, भाई की चीत्कार सुन राखी गुलदार से भिड़ गई। गुलदार के हमले में राखी बुरी तरह घायल हो गई थी, वो लहुलूहान थी, पर उसने भाई को गुलदार के पंजे में फंसने नहीं दिया। इस बच्ची ने जो अदम्य साहस दिखाया है, उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है। अब राखी को 26 जनवरी को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। भारतीय बाल कल्याण परिषद की तरफ से राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए राखी का चयन किया गया है। राखी अब 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेंगी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वार उसे सम्मानित किया जाएगा। घटना बीरोंखाल ब्लॉक की है। यहां एक गांव के देवकुंडाई, राखी का परिवार इसी गांव में रहता है। पिता दलवीर सिंह रावत गांव में खेतीबाड़ी करते हैं। राखी के परिवार में उसकी दो बहनें और चार साल का भाई राघव है। इकलौते भाई पर सभी बहनें जान छिड़कती हैं। राखी सरकंडाई के प्राइमरी स्कूल में कक्षा 5 की छात्रा है, जबकि राघव आंगनबाड़ी में पढ़ता है। आगे पढ़िए …
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दोपहर को राखी की मां शालिनी देवी खेत में काम करने गई थीं, साथ में राघव और राखी भी थे। लौटते वक्त राखी ने नन्हे भाई को अपने कंधों पर बैठा रखा था। इसी दौरान रास्ते में घात लगाए बैठे गुलदार ने राघव पर झपट्टा मार दिया। ऐसी स्थिति में किसी की भी जान हलक में अटक जाती, कुछ सेकेंड की देर में अनहोनी हो जाती, पर राखी ने उस एक सेकेंड में जो किया वो सुन आपकी आंखें भर आएंगी। राखी ने अपने नन्हे भाई को सीने से लगा लिया, और उसे गुलदार से बचाने के लिए जूझने लगी। गुलदार ने राखी को लहूलुहान कर दिया, पर राखी ने अपने भाई को छोड़ा नहीं। बाद में मां के शोर मचाने पर गुलदार को वहां से भागना पड़ा। गुलदार के जाने के बाद भाई को सही सलामत देखकर राखी ने राहत की सांस ली, पर भाई की एक झलक देखने के बाद वो बेहोश हो गई। हमले में राखी के सिर की हड्डी फ्रैक्चर हो गई थी, शरीर पर गुलदार के दांतों और पंजों के निशान से जख्म हो गए थे। धन्य है पहाड़ की ये बेटी