गौरवशाली पल..गढ़वाल यूनिवर्सिटी की शिक्षिका को मिला जैव प्रौद्योगिकी वैज्ञानिक पुरस्कार
गढ़वाल यूनिवर्सिटी की सहायक प्रोफेसर डॉ. ममता आर्य को जैव प्रौद्योगिकी वैज्ञानिक पुरस्कार मिला है। यह पुरस्कार उन्हें हिमालय क्षेत्र में स्थित गर्म पानी के स्त्रोतों में पाए जाने वाले बैक्टीरिया पर शोध करने के लिए प्रदान किया गया।
Feb 12 2020 7:47PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड के लिए गर्व करने का मौका है। गढ़वाल यूनिवर्सिटी की सहायक प्रोफेसर डॉ. ममता आर्य को जैव प्रौद्योगिकी वैज्ञानिक पुरस्कार मिला है। यह पुरस्कार उन्हें हिमालयी क्षेत्र में शोध कार्य के लिए दिया गया। डॉ. ममता आर्य हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केन्द्रीय विवि के बिड़ला परिसर में बायोटेक्नोलॉजी में सहायक प्रोफेसर पद पर कार्यरत हैं। वो एनएसएस की वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी भी हैं। डॉ. ममता आर्य ने हिमालय क्षेत्र में स्थित गर्म पानी के स्त्रोतों में पाए जाने वाले बैक्टीरिया पर शोध किया था। इसी शोध के लिए उन्हें जैव प्रौद्योगिकी वैज्ञानिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आईएएमआर गाजियाबाद में हुए दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में एशियन बायोलॉजिकल रिसर्च फाउंडेशन ने डॉ. ममता आर्य को सम्मानित किया। उन्हें जैव प्रौद्योगिकी वैज्ञानिक पुरस्कार से नवाजा। सम्मेलन में डॉ. ममता आर्य ने इम्पॉरटेंस ऑफ थर्मोफिलिक बैक्टीरिया इन बायोमेडिएशन विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी प्रौद्योगिकी और चिकित्सा विज्ञान विवि के चांसलर डॉ. मार्केंडेय राय भी मौजूद थे। डॉ. ममता आर्य को उनके हाथों सम्मानित होने का मौका मिला। गाजियाबाद में हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में देश-विदेश से आए 310 वैज्ञानिकों और छात्रों ने हिस्सा लिया था।
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