धन्य है देवभूमि...मुंबई में फंसा बेटा, पहाड़ में गरीबों के लिए बनी ‘अन्नपूर्णा’ बनी मां..देखिए वीडियो
लॉकडाउन के दौरान पहाड़ में नेपाल, बिहार और यूपी के हजारों मजदूर फंसे हैं। जिन्हें कमला भट्ट जैसे लोग आसरा दिए हुए हैं...आगे दो वीडियो जरूर देखिए
Apr 5 2020 12:53PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच इंसानियत की कई कहानियां भी देखने-सुनने को मिल रही हैं। ये कहानियां हमें मजबूती देती हैं, साथ ही इस बात की तसल्ली भी कि दुनिया में अब भी अच्छे लोग मौजूद हैं। ऐसी ही एक तस्वीर पिथौरागढ़ से सामने आई। जहां एक दुखियारी मां हजारों मजदूरों का सहारा बन गई। मजदूर इस मां को अन्नपूर्णा कहकर बुलाते हैं। इनका नाम है कमला भट्ट। कमला कृष्णापुरी वार्ड में रहती हैं। वो हर दिन अपने घर से मजदूरों के लिए रोटियां, सब्जी, चटनी और रायता बनाकर ले जाती हैं, ताकि गरीबों का पेट भर सकें। लॉकडाउन के दौरान पिथौरागढ़ में नेपाल, बिहार और यूपी के हजारों मजदूर फंसे हैं। जिन्हें कमला भट्ट जैसे लोग आसरा दिए हुए हैं। कमला देवी साल 1995 से शिशु मंदिर केशवपुरम में सेवाएं दे रही हैं। उनके पति अजय भट्ट भी मजदूरी किया करते थे। साल 2015 में बीमारी से उनका निधन हो गया। कमला देवी की दो बेटियां हैं। दोनों की शादी हो चुकी है। आगे देखिए दो वीडियो
बेटा दीपक मुंबई में नौकरी करता है, लेकिन लॉकडाउन के चलते वो गांव वापस नहीं आ सका। कमला का मन हमेशा बेटे की चिंता में डूबा रहता था। इस चिंता से उबरने के लिए वो पिथौरागढ़ के मजदूरों और वहां फंसे असहाय लोगों को भोजन कराने लगीं। आज उनकी ये कोशिश मुहिम का रूप ले चुकी है। कृष्णापुरी वार्ड की दूसरी महिलाएं भी मजदूरों की मदद के लिए आगे आ रही हैं। क्षेत्र की रहने वाली भवानी बोहरा और शांति तड़ागी जैसी महिलाएं कमला देवी को राशन उपलब्ध कराती हैं, ताकि वो इससे भोजन तैयार कर सकें। पहला वीडियो देखिए
वीडियो साभार-ललित मोहन भट्ट
बेटे की याद आते ही कमला फफक पड़ती हैं। वो कहती हैं कि यहां फंसे मजदूरों में उन्हें अपना बेटा दिखता है। जैसे ये लोग तकलीफ झेल रहे हैं, मेरा बेटा भी परेशान होगा। यहां रहकर मैं बस उसकी सलामती के लिए दुआ ही कर सकती हूं। कमला देवी ने क्षेत्र के दूसरे लोगों से भी मजदूरों और लॉकडाउन के बीच फंसे लोगों की मदद की अपील की, ताकि उनकी मुश्किलें कम हो सकें। दूसरा वीडियो देखिए
वीडियो साभार-ललित मोहन भट्ट