उत्तराखंड: कोरोना काल में लावारिस पशुओं की हमदर्द बनीं साधना, देखिए एक प्रेरणादायक कहानी
लॉकडाउन में फुटपाथ पर घूमने वाले जानवर भूख से तड़प रहे थे, मवेशियों के लिए चारे का संकट था। साधना ने अपनी टीम के साथ मिलकर बेजुबानों तक मदद पहुंचाने की ठानी। आगे देखिए वीडियो
Aug 10 2020 12:40PM, Writer:Komal Negi
कुछ सच्ची और अच्छी कहानियां, जिनसे समाज को कुछ प्रेरणआ मिल सके। रेड एफएम के आरजे काव्य की कोशिश रहती है कि वो हमेशा इस तरह की कहानियां लोगों के बीच लेकर आएं। एक बार फिर से काव्य एक नई कहानी के साथ आए हैं। कोरोना संकट में लॉकडाउन की बंदिशों के बीच किसी को खाने के लाले पड़ गए थे तो किसी को दवा नहीं मिल रही थी। इंसान तो जैसे-तैसे अपना इंतजाम कर ही रहे थे, लेकिन असली संकट बेजुबानों के लिए था। फुटपाथ पर घूमने वाले जानवर भूख से तड़प रहे थे, मवेशियों के लिए चारे का संकट था। ऐसे में देहरादून की रहने वाली पशु प्रेमी साधना जयराज ने अपनी टीम के साथ मिलकर बेजुबानों तक मदद पहुंचाने की ठानी। संकट की घड़ी में बेजुबानों का पेट भरने के लिए इन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया। साधना जयराज और उनकी टीम ने लॉकडाउन के लगभग 58 दिनों तक बेजुबानों का ख्याल रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आज सब इनकी मिसाल देते हैं। आगे देखिए वीडियो
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लॉकडाउन के दौरान जब लावारिस पशु भूख से तड़प रहे थे तो इनकी मदद के लिए साधना जयराज आगे आईं। मवेशियों का पेट भरने के लिए साधना ने 4 लोगों के साथ मिलकर ऐसी टीम बनाई। जो शहरभर के अलग-अलग एरिया में जाकर जानवरों को खाना खिलाने के लिए तैयार थी। टीम में रवि, जितेंद्र, राजवीर और सुदर्शन शामिल थे। इन सभी ने लॉकडाउन के 58 दिनों तक बेजुबानों का ख्याल रखा। सबसे पहले स्ट्रीट डॉग की मदद की गई। इनके लिए हर रोज घर पर ही दूध, रोटी, अंडे और ब्रेड से हेल्दी फूड बनाया जाता था। ये खाना हर दिन डेढ़ सौ से 2 सौ स्ट्रीट डॉग्स तक पहुंचाया जाता था। बाद में सड़कों पर घूमने वाली गाय और दूसरे आवारा पशुओं के लिए चारे का इंतजाम किया गया। सोशल मीडिया के जरिए दूसरे लोगों को भी बेजुबानों की मदद के लिए प्रेरित किया गया। साधना जयराज और उनकी टीम ने देहरादून का कोई कोना नहीं छोड़ा। जहां भी बेजुबानों को मदद की जरूरत होती, ये टीम तुरंत वहां पहुंच जाती।
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गर्मी बढ़ने पर टीम ने 50 से ज्यादा बड़े वॉटर पॉट्स बनवाए और इन्हें शहर के अलग-अलग इलाकों में रखवाया, ताकि बेजुबान जानवर अपनी प्यास बुझा सकें। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, पुलिस और स्थानीय लोगों ने भी टीम की मदद की। इस तरह सबके संयुक्त प्रयास से लावारिस कुत्तों और मवेशियों का पेट भरने लगा। साधना जयराज और उनकी टीम ने ऐसे मुश्किल वक्त में बेजुबानों की मदद की, जब इस महामारी और उसके प्रभावों से लड़ना एक चुनौती बना हुआ है। राज्य समीक्षा समाज के ऐसे सच्चे हीरोज को सैल्यूट करता है। अब आपको साधना जयराज और उनके मिशन पर तैयार एक शानदार वीडियो दिखाते हैं, जिसे रेडियो चैनल रेड एफएम के आरजे काव्य ने अपने खास शो ‘एक पहाड़ी ऐसा भी’ के सीजन-3 के लिए तैयार किया है। आगे देखें वीडियो
Ek Pahadi Aisa BhiEK PAHADI AISA BHI
Season 3 : Ep 10 : Sadhna Jairaj ☺️
@RJKaavya @RedFm
Presnted By UPES @ArunDhand
Art work by Agam Johar Arts
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Posted by RJ Kaavya on Sunday, August 9, 2020