गढ़वाल: आप कोरोना काल में घरों में बैठे रहे, वहां शिक्षकों ने तैयार कर दिया मॉडल स्कूल
जब हर तरफ कोरोना का हाहाकार मचा था। उस वक्त चोपता के मॉडल स्कूल को यहां के शिक्षक सजाने-संवारने में जुटे थे। ताकि जब छात्र यहां पहुंचें तो उन्हें अपना स्कूल नए कलेवर में दिखे। आगे पढ़िए पूरी खबर
Sep 19 2020 5:21PM, Writer:Komal Negi
कोरोना काल ने हमें कई चुनौतियां दी हैं तो वहीं इन चुनौतियों पर जीत हासिल करने का हौसला भी। आपदा को अवसर में कैसे बदलना है, ये हमें कोरोना काल ने ही सिखाया। अब चमोली के नारायणबगड़ क्षेत्र में ही देख लें। जब हर तरफ कोरोना का हाहाकार मचा था। उस वक्त चोपता के मॉडल स्कूल को यहां के शिक्षक सजाने-संवारने में जुटे थे। ताकि जब छात्र यहां पहुंचें तो उन्हें अपना स्कूल नए कलेवर में दिखे। बच्चों के लिए इससे बेहतर सरप्राइज भला और क्या हो सकता है। अभी पिछले दिनों हमने शिक्षक दिवस मनाया है। इस मौके पर शिक्षकों के योगदान को याद किया गया, उन्हें उपहार दिए गए, लेकिन चोपता के मॉडल स्कूल के शिक्षकों ने तो छात्रों को ही शानदार तोहफा दे दिया। शिक्षकों, अधिकारियों और स्थानीय लोगों के सामूहिक प्रयास से चोपता का मॉडल स्कूल नया रूप ले चुका है।
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छात्रों के लिए यहां ज्ञान हासिल करने के लिए हर संसाधन मौजूद हैं। स्कूल में शानदार लाइब्रेरी है, जहां बच्चों के लिए ढेर सारी किताबें हैं। प्रोजेक्टर है, छात्रों को बैठने के लिए शानदार इंतजाम किए गए हैं। जिस वक्त ज्यादातर लोग कोरोना संक्रमण के डर से घरों में कैद थे, उस वक्त स्कूल के शिक्षक नरेंद्र सिंह भंडारी, परमानंद सती, गजेंद्र सिंह नेगी और अंजली रतूड़ी जैसे शिक्षकों की टीम स्कूल को संवारने में जुटी थी। भोजनमाता गीता देवी ने भी इसमें अपना योगदान दिया। उप शिक्षा अधिकारी खुशहाल सिंह टोलिया और समग्र शिक्षा अभियान के समन्वयक नरेंद्र सिंह खत्री के सहयोग से चोपता का सरकारी स्कूल मॉडल स्कूल का रूप ले चुका है। अब स्कूल में सिर्फ एक ही कमी है, छात्रों की। कोरोना संकट का काला साया हटे तो ये कमी भी दूर हो जाएगी। चोपता का ये खूबसूरत मॉडल स्कूल छात्रों की राह तक रहा है, उम्मीद है ये इंतजार जल्द ही खत्म होगा और स्कूल में एक बार फिर से बच्चों की हंसी गूंजती नजर आएगी।