image: School openings guidelines in uttarakhand

उत्तराखंड में स्कूल खोलने की तैयारी, जारी हुई गाइडलाइन..2 मिनट में पढ़िए पूरे नियम

कोरोना काल में बंद पड़े स्कूल 2 नवंबर से एक बार फिर खोलने की तैयारी है। पहले चरण में 10वीं और 12वीं की कक्षाओं का संचालन शुरू होगा। शासन ने इस संबंध में एसओपी जारी कर दी है।
Oct 25 2020 2:35PM, Writer:Komal Negi

कोरोना काल के बीच उत्तराखंड सरकार ने स्कूल खोलने की तैयारी शुरू कर दी है। 2 नवंबर से प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से स्कूल खोलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। शासन की तरफ से इसके लिए एसओपी भी जारी कर दी गई है। अगले महीने की दो तारीख से उत्तराखंड में स्कूल खुलेंगे। पहले चरण में 10वीं और 12वीं की कक्षाओं का संचालन शुरू किया जाएगा। एसओपी में लिखा है कि अगर ज्यादा छात्र स्कूल आएं तो स्कूल का संचालन दो पालियों में किया जा सकता है। इसके अलावा और स्कूलों में और क्या इंतजाम करने होंगे, ये भी बताते हैं। एसओपी के अनुसार स्कूलों में छात्रों के लिए छह फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था की जाएगी।

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दो शिफ्टों में स्कूल चलाने की स्थिति में पहली शिफ्ट में 10वीं की कक्षा का संचालन होगा। जबकि दूसरी शिफ्ट में 12वीं के छात्रों को बुलाया जाएगा। स्कूल खोलने से पहले उन्हें पूरी तरह सैनेटाइज करना होगा। हर पाली के बाद सैनेटाइजेशन की व्यवस्था करनी होगी। एक क्लास में अधिकतम 50 प्रतिशत छात्र ही बैठेंगे। जबकि शेष को अगले दिन बुलाया जाएगा। इसके अलावा स्कूलों में और क्या इंतजाम करने होंगे, ये भी जान लें। स्कूलों में थर्मल स्कैनिंग, हैंडवॉश और सैनेटाइजर की व्यवस्था करनी होगी। प्राथमिक उपचार की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। अगर किसी छात्र, शिक्षक और कर्मचारी में खांसी, जुकाम या बुखार के लक्षण मिलें तो उन्हें प्राथमिक उपचार देकर घर भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

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स्कूल वाहनों का संचालन किया जा सकता है, लेकिन यहां भी 50 प्रतिशत क्षमता वाला नियम लागू होगा। स्कूल वाहनों को हर दिन कम से कम दो बार सैनेटाइज करना होगा। स्कूल में खेलकूद और मनोरंजन संबंधी एक्टिविटीज नहीं होंगी। प्रार्थना क्लास रूम में ही की जाएगी। मुख्य सचिव ओम प्रकाश की तरफ से इस संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। एसओपी जारी होने के बाद स्कूल तैयारी में जुट गए हैं। 2 नवंबर से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। जो बच्चे स्कूल नहीं आना चाहते, वो ऑनलाइन पढ़ाई जारी रख सकते हैं। सरकार ने एसओपी जारी कर निजी स्कूलों की जिम्मेदारी भी तय कर दी है, हालांकि अभिभावक अब भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर डरे हुए हैं। वो बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं।


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