उत्तराखंड के एक और जांबाज ने देशसेवा की राह में दिया प्राणों का बलिदान, सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
असम राइफल के जवान रणबीर सिंह रावत मणिपुर में पेट्रोलिंग के दौरान आतंकियों की गोली लगने से शहीद हो गए। शुक्रवार को उनका रानीबाग घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।
Jan 29 2021 8:19PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड के एक और जांबाज लाल ने देशसेवा की राह में अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। हल्द्वानी के रहने वाले रणबीर सिंह रावत मणिपुर में पेट्रोलिंग के दौरान आतंकियों की गोली लगने से शहीद हो गए। शुक्रवार को उनका रानीबाग घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। चित्रशाला घाट पर सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई। हवलदार रणबीर सिंह रावत अपने पीछे दो बच्चों, पत्नी और मां को बिलखता छोड़ गए हैं। वो आर्मी में 23 साल पहले भर्ती हुए थे। मूलरूप से चमोली के थराली क्षेत्र के रहने वाले हवलदार रणबीर सिंह रावत का परिवार हल्द्वानी में रहता है। वो ब्रैवो कंपनी 13 असम राइफल में हवलदार थे। हवलदार रणबीर सिंह रावत 27 जनवरी की सुबह सेलून में पेट्रोलिंग से वापस लौट रहे थे। इस दौरान आतंकी गुटों की गोली लगने से वो शहीद हो गए।
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आतंकी हमले के वक्त रणवीर सिंह रावत सैनिक टुकड़ियों के साथ थे। तभी पेट्रोलिंग के दौरान आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया। इस दौरान सैनिक रणबीर सिंह के पैर में कई गोलियां लग गईं। उन्हें तुरंत सैनिक अस्पताल लाया गया, लेकिन वो बच नहीं सके। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। जवान की शहादत की खबर जैसे ही उनके घर पहुंची वहां कोहराम मच गया। परिजन बिलख-बिलख कर रोने लगे। लोगों ने उन्हें बड़ी मुश्किल से संभाला। शहीद का पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह हल्द्वानी स्थित आवास पहुंचा। रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पर पुत्र मनीष एवं प्रियांशु ने शहीद रणबीर सिंह को मुखाग्नि दी। शहीद रणबीर सिंह रावत का परिवार हल्द्वानी के पंचायत घर क्षेत्र में रहता है।