उत्तराखंड का ईमानदार कंडक्टर...बस में मिला रुपयों से भरा पर्स, नहीं डोला ईमान
बागेश्वर जिले के केएमयू के बस कंडक्टर ने बस की सफाई के दौरान मिला पैसों से भरा हुआ पैसों का पर्स पुलिस को सौंप कर ईमानदारी की जीती-जागती मिसाल पेश की है। पढ़िए पूरी खबर
Feb 1 2021 11:15PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड के लोग अपनी सच्चाई, ईमानदारी और नेकदिली के लिए मशहूर हैं। अक्सर लोगों से यह सुनने को मिलता है कि पहाड़ के लोग बेहद ईमानदार होते हैं और उनमें जरा भी छल कपट की भावना नहीं होती और यह सच भी है क्योंकि कई पहाड़ियों ने ईमानदारी की जीती-जागती मिसाल समाज के आगे पेश की है। न जाने उत्तराखंड से कितने ही ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जहां पर पहाड़ियों ने यह साबित कर दिया है कि ईमानदारी के मामले में उत्तराखंड के लोग सभी से आगे हैं। पहाड़ में जिंदगी सीधी और सरल होती है और यही वजह है कि पहाड़ के लोग भी बेहद सीधे और सरल होते हैं। आज हम आपको उत्तराखंड के एक ऐसे ही कंडक्टर से मिलवाने जा रहे हैं जिन्होंने ईमानदारी की एक जीवंत मिसाल पेश की है।
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खबर बागेश्वर जिले से आई है। बागेश्वर जिले के केएमयू के बस कंडक्टर को बस की सफाई के दौरान एक पैसों से भरा हुआ पर्स मिला। वे चाहते तो पर्स को अपने पास रख सकते थे और पर्स के अंदर मौजूद पैसे भी वे अपने पास रख सकते थे। मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया बल्कि उन्होंने पर्स को उसके असली मालिक तक पहुंचाने की जिम्मेदारी अपने कंधे पर उठाई। उन्होंने वहां पर मौजूद यात्रियों से पूछताछ मगर वहां पर पर्स के मालिक का पता नहीं लग पाया। जिसके बाद वे सीधा कोतवाली गए और पैसों से भरे हुए पर्स को उन्होंने वहां पर जमा करा दिया। पुलिस अब इस पर्स के मालिक की तलाश में जुटी हुई है और पुलिस ने कंडक्टर की ईमानदारी की तारीफ करते हुए उनकी सराहना की है।
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चलिए आपको मामले की संक्षिप्त से जानकारी देते हैं। हल्द्वानी से यूके 04 PA 0143 नंबर की बस हाल ही में बागेश्वर पहुंची और बस में से सभी यात्री उतरे। उसी समय किसी का पर्स बस में ही गिर गया। सभी यात्रियों को उतारने के बाद बस को केएमयू के बस स्टैंड पर खड़ा कर दिया गया। बस के कंडक्टर गोविंद सिंह जो कि कांडा तहसील के खातीगांव के निवासी हैं उन्होंने बस की सफाई करनी शुरू की और सफाई के दौरान उनको बस में पर्स मिला जिसमें तकरीबन 1600 रुपए नकदी मौजूद था। उन्होंने ईमानदारी दिखाते हुए यह पर्स उसके असली मालिक तक पहुंचाने की ठानी। उन्होंने वहां पर मौजूद कई यात्रियों से इस पर्स के बारे में पूछा मगर कुछ भी पता नहीं लग पाया। जिसके बाद वे पर्स लेकर कोतवाली जहां पहुंचे और पुलिस को पर्स जमा करा दिया। कोतवाल डीआस वर्मा का कहना है कि पर्स की धनराशि सुरक्षित रखी गई है और पर्स की पहचान बताने वाले को पर्स वापस कर दिया जाएगा। उन्होंने कंडक्टर गोविंद सिंह की ईमानदारी की सराहना की और कहा कि ऐसे ही लोगों की वजह से दुनिया में अब भी ईमानदारी बची हुई है।