अफगानिस्तान से भारत लौटे ITBP के बॉबी, रूबी और माया, अब नक्सलियों के खिलाफ लड़ेंगे जंग
बॉबी, रूबी और माया फिलहाल दिल्ली में हैं। तीनों को जल्द ही छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान यूनिट में तैनात किया जाएगा।
Aug 20 2021 1:30PM, Writer:Komal Negi
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद हर देश डरा हुआ है। सभी देश अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से वापस ला रहे हैं। अफगानिस्तान से आईटीबीपी के 99 कमांडो की टुकड़ी भी वतन वापस आ गई है। इस टुकड़ी के साथ तीन खोजी कुत्ते माया, बॉबी और रूबी भी सैन्य विमान से भारत लौट आए हैं। वापस आने वालों में दूतावास के कर्मचारियों के साथ अन्य भारतीय नागरिक भी शामिल हैं। अफगानिस्तान में बिगड़े हालात के बीच भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के तीन खोजी कुत्तों को भारतीय वायुसेना के सी-17 विमान द्वारा काबुल से वायु सेना स्टेशन जामनगर में उतारा गया। वहां से ये दिल्ली के आईटीबीपी छावला कैंप पहुंचे। यहां आपको माया, बॉबी और रूबी के बारे में कुछ खास बातें बताते हैं। इन्हें 2019 में काबुल में तैनात किया गया था। खोजी कुत्तों को पंचकुला में स्थित प्रशिक्षण स्कूल में प्रशिक्षित किया गया था। इन तीनों खोजी कुत्तों ने अफगानिस्तान में तैनाती के दौरान कई आईईडी विस्फोटक उपकरणों का पता लगाया।
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इस तरह तीनों खोजी कुत्तों ने न केवल भारतीय राजनयिकों के जीवन की रक्षा की बल्कि वहां काम करने वाले अफगान नागरिकों का भी जीवन बचाया। तीनों खोजी कुत्तों ने काबुल में भारतीय दूतावास एवं इसके राजनयिक कर्मचारियों की सुरक्षा में तैनात आईटीबीपी कमांडो दस्ते के साथ तीन साल तक अपनी सेवायें दी। रूबी (बेल्जियम मालिनोइस ब्रीड की फीमेल), माया (फीमेल लेब्राडोर) और बॉबी (मेल डॉबरमैन) हैं। इन तीनों को अभी दिल्ली में छावला में आईटीबीपी के कैंप में रखा गया है। अब इन्हें जल्द ही छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान यूनिट में तैनात किया जाएगा। आईटीबीपी अधिकारियों ने कहा कि अफगानिस्तान में स्थिति बहुत खतरनाक है। काफिलों, दूतावास परिसरों एवं भारतीय राजनयिकों पर हमले की आशंका के चलते आईटीबीपी सभी को सुरक्षित वापस ले आई। बता दें कि आईटीपीबी ने अफगानिस्तान में सुरक्षा ड्यूटी पर 300 से अधिक कमांडो को तैनात किया था। आईटीबीपी बल को पहली बार 2002 में काबुल दूतावास परिसर में राजनयिकों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था।