उत्तराखंड: गिरफ्त में आई लेडी सुपरठग, फर्जी अधिकारी बनकर ठगे थे 7 लाख
सितंबर माहीने में महिला ने खुद को आरबीआई अधिकारी बताते हुए एसबीआई बैंक की डिस्पेंसरी हरिद्वार में स्थापित करने का झांसा देकर 7 लाख की ठगी की थी.
Sep 7 2021 7:09PM, Writer:साक्षी बड़थ्वाल
साइबर जालसाजों से बचकर रहें। कोई बैंक अकाउंट या पेटीएम की जानकारी मांगे, तो कतई ना दें, कोरोना काल में साइबर ठगों ने ठगी का तरीका बदल दिया है. साइबर ठग पहले बैंक अधिकारी बनकर आपको ठगी का शिकार बनाते थे, लेकिन जब लोग सावधान हो गए तो ठगों ने अब अपना तरीका बदल दिया है बता दें की हरिद्वार में ठगी एक ऐसा ही मामला सामने आया जहाँ पिछले साल सितंबर माहीने में महिला ने खुद को आरबीआई अधिकारी बताते हुए एसबीआई बैंक की डिस्पेंसरी हरिद्वार में स्थापित करने का झांसा देकर 7 लाख की ठगी की थी. इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया था पूर्व में एक आरोपी गिरफ्तार हुआ था जिसके बाद महिला की भूमिका सामने में आई थी. इसके बाद पुलिस ने महिला को अब दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है.
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पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले साल सितंबर माहीने में महिला ने खुद को आरबीआई अधिकारी बताते हुए एसबीआई बैंक की डिस्पेंसरी हरिद्वार में स्थापित करने का झांसा देकर 7 लाख की ठगी की थी जिस पर लोकेश कुमार सुभाष नगर ज्वालापुर निवासी ने मनोज शर्मा और पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ डिस्पेंसरी खुलवाने के नाम पर 7 लाख की ठगी करने का मुकदमा दर्ज कराया था वहीं बता दें की इस मामले में पुलिस ने मनोज शर्मा पुत्र राजपाल मुजफ्फरनगर निवासी को गिरफ्तार किया था जिसके बाद पुलिस ने मनोज से सख्ती से पूछताछ की जिसमे उसने कई चौंकाने खुलासे किये मनोज ने पूछताछ में बताया की उनका गिरोह अक्सर लोगों को आरबीआई बैंक अधिकारी बनकर ठगने का काम करता है वहीं ये बात भी सामने आयी की टीना उर्फ स्वेता पत्नी संदीप निवासी भजनपुरा उस्मानपुर उत्तर पूर्वी दिल्ली की इस सब में महत्वपूर्ण भूमिका है, जो खुद को आरबीआई अधिकारी बताकर पीड़ित से मिली थी. और फिर पूरी ठगी को अंजाम दिया करती थी फिलहाल, पुलिस ने आरोपी महिला को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने महिला को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है. वहीं अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है.