उत्तराखंड के इस सरकारी स्कूल में 7 छात्रों पर 7 शिक्षक, दसवीं में एक ही छात्र वो भी हुआ फेल
विद्यालय में इतने शिक्षक होने के बावजूद भी दसवीं में पढ़ने वाला एक मात्र छात्र सभी विषयों में फेल हो रखा है। छात्र को हिंदी में 10 अंक और अंग्रेजी, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन और गणित में 10 से कम अंक प्राप्त हुए।
May 5 2025 1:30PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
यहां एक सरकारी हाई स्कूल का अजीबों-गरीब मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। इस हाई स्कूल में 10वीं कक्षा में केवल एक छात्र था, जिसे पढ़ाने के लिए 7 शिक्षक नियुक्त थे। लेकिन वो एक छात्र भी उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा में फेल हो गया। जिला मुख्य शिक्षा अधिकारी 5 मई को यानि आज जांच के लिए स्कूल का दौरा करेंगे।
Govt School Bhadrakot Nainital Board Result
गौरतलब हो कि, उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद (UBSE) ने 19 अप्रैल 2025 को बोर्ड परीक्षा के परिणाम जारी किए थे। इस बार कुल 90.77 प्रतिशत छात्र सफल हुए हैं। इसमें लड़कियों का पासिंग प्रतिशत 93.25 प्रतिशत रहा, जबकि लड़कों का पासिंग प्रतिशत 88.20 प्रतिशत रहा। शिक्षा अधिकारियों द्वारा बोर्ड परीक्षा के परिणाम और स्कूलों के प्रदर्शन की समीक्षा किए जाने के दौरान राज्य के एक स्कूल के बारे में जानकारी मिली। जिस विद्यालय में 10वीं कक्षा में केवल एक छात्र पढ़ता था और वो भी फेल हो गया। जिसके बाद अब आज 5 मई को जिला मुख्य शिक्षा अधिकारी जांच के लिए स्कूल का दौरा करेंगे।
पूरे विद्यालय में 7 छात्र हैं नामांकित
जानकारी के अनुसार, भद्रकोट गांव में स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जो नैनीताल जिला मुख्यालय से 115 किलोमीटर दूर स्थित है। इस विद्यालय में कक्षा 6 से 10 तक केवल 7 छात्र नामांकित हैं, जबकि प्रधानाध्यापक सहित 7 शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें से एक शिक्षक (आर्ट विषय) को दूसरे विद्यालय में भेजा गया है, लेकिन हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों के लिए शिक्षक विद्यालय में उपलब्ध हैं। यहां छठी और सातवीं कक्षा में दो-दो छात्र हैं, और आठवीं, नौवीं और 10वीं कक्षा में केवल एक-एक छात्र हैं। पूरे विद्यालय में 7 छात्रों के लिए प्रधानाध्यापक, 7 शिक्षक, एक क्लर्क और एक रसोइया हैं।
सभी विषयों में हुआ फेल
विद्यालय में इतने शिक्षक होने के बावजूद भी दसवीं में पढ़ने वाला एक मात्र छात्र सभी विषयों में फेल हो रखा है। छात्र को हिंदी में 10 अंक और अंग्रेजी, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन और गणित में 10 से कम अंक प्राप्त हुए। सब लोग इस बात से हैरान हैं कि स्कूल में पूरा स्टाफ होने के बाद भी छात्र बोर्ड परीक्षा पास नहीं हो सका। अधिकारियों ने प्रिंसिपल और स्टाफ से स्पष्टीकरण मांगा है।