image: Tourists are disappearing from Khalia Top of Pithoragarh

उत्तराखंड की इस पहाड़ी से लगातार गायब हो रहे सैलानी, अब प्रशासन ने बनाए सख्त नियम

पिथौरागढ़ के खलिया टॉप में सैलानियों के लापता होने की बढ़ती घटनाओं के बाद प्रशासन को नए नियम बनाने पड़े हैं।
May 21 2022 5:59PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

सीमांत जिले पिथौरागढ़ में स्थित खलिया टॉप रोमांच के शौकीनों का नया ठिकाना बनकर उभरा है।

Tourists are disappearing from Khalia Top

पिछले कुछ सालों में यहां एडवेंचर टूरिज्म संबंधी गतिविधियां बढ़ी हैं, साथ ही यात्रियों के खो जाने के मामले भी बढ़े हैं। बीते एक पखवाड़े में खलिया टॉप के रास्ते में अलग-अलग घटनाओं में 4 सैलानी लापता हुए। इन्हें खोजने में प्रशासन के पसीने छूट गए। बरेली से आए 2 सैलानियों को सर्च टीम 50 घंटे में खोज सकी। थके-हारे सैलानी एक चट्टान के नीचे मिले थे। सैलानियों के गायब या लापता होने की घटनाओं के बाद प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। अब उच्च हिमालयी इलाके में मौजूद खलिया टॉप तक जाना सैलानियों के लिए आसान नहीं होगा। प्रशासन ने नए नियम बनाए हैं। इसके तहत खलिया टॉप जाने वाले यात्रियों का पूरा रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा।

डीएम पिथौरागढ़ आशीष चौहान ने बताया कि खलिया टॉप जाने वाले सभी सैलानियों का रिकॉर्ड रखने के साथ ही उन्हें रूट के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। इसके लिए वन विभाग को निर्देश जारी किए गए हैं। खलिया टॉप रूट पर साइन बोर्ड लगाने के लिए वन विभाग को 10 लाख की धनराशि भी दी गई है। बता दें कि खलिया टॉप ट्रेकिंग रूट है। बीते कुछ सालों में यहां साहसिक पर्यटकों की तादाद काफी बढ़ी है। 3500 मीटर की ऊंचाई पर बसे खलिया टॉप तक पहुंचने के लिए 6 किलोमीटर का ट्रैक करना होता है। यहां ऊंचाई में अनंत मैदान और हर तरफ बर्फ की सफेद चादर नजर आती है। इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए समर सीजन में यहां भारी संख्या में सैलानी जाते हैं। अब तक इनका रिकॉर्ड नहीं रखा जाता था, लेकिन सैलानियों के लापता होने की घटनाओं के बाद प्रशासन को नए नियम बनाने पड़े हैं।


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