image: Dehradun Mutton Chicken Supply Report

देहरादून में नॉनवेज लवर सावधान! कहां से आ रहा है मीट? कहां कट रहे हैं बकरे? कोई नहीं जानता?

नॉनवेज लवर जरा हो जाएं सावधान, किस हालत में और किस तरह कट रहे हैं मुर्गे और बकरे, नगर निगम और सेफ्टी विभाग है अनजान
Dec 29 2022 6:47PM, Writer:कोमल नेगी

चिकन और मीट पहाड़ी लोगों की कमजोरी है। ऐसे में अगर आप भी नॉन वेज लवर है तो ज़रा सावधान हो जाइए क्योंकि जो चिकन और मीट आप खा रहे हैं, वह विषाक्त या रोगग्रस्त हो सकता है।

Dehradun Mutton Chicken Supply Report

दरअसल देहरादून में नियमों को ताक पर रखकर मांस बेचा जा रहा है। नगर निगम को यह तक नहीं पता कि बेचे जा रहे बकरे और मुर्गे कहां से आ रहे हैं और कहां काटे जा रहे हैं। नगर निगम ने वर्ष 2016 में एक एक्ट बनाया था। जिसके तहत मुर्गे, बकरे, भेड़ का पहले स्वास्थ्य परीक्षण होगा और उसके बाद ही उनको स्लाटर हाउस में ही कटने के लिए भेजा जाएगा। स्वास्थ्य परीक्षण में यदि बकरे अस्वस्थ, विकलांग पाए जाते तो उन्हें नहीं काटा जाता। इस नियम का सीधा उद्देश्य था कि लोगों को सुरक्षित और अच्छा मांस मिले जिससे कोई भी बीमारी न फैले। आगे पढ़िए

हालांकि, देहरादून में बनाया गया स्लाटर हाउस वर्ष 2018 में बंद हो गया। जिसके बाद से नियम कानून भूलकर दून में बिक रहा मांस कहां काटा जा रहा है और कहां से आ रहा है, इस पर किसी का ध्यान नहीं है। ऐसे में इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि जो मांस आप खा रहे हैं वो आपके स्वास्थ्य के लिए ठीक है या नहीं। वो साफ सुथरा है या नहीं या उस जानवर में कोई रोग था या नहीं। जब मांस की गुणवत्ता के सवाल उठा तो निगम निगम और खाद्य सुरक्षा विभाग एक-दूसरे पर दोष डाल रहे हैं मगर इन दोनों के बीच पिसना जनता को ही पड़ रहा है। नगर निगम का कहना है कि दुकान का लाइसेंस जब खाद्य सुरक्षा विभाग देता है तो मांस की गुणवत्ता की जिम्मेदारी भी उनकी है। जबकि खाद्य सुरक्षा विभाग ने नगर निगम पर दोषारोपण करते हुए कहा कि नगर निगम ही दुकानों का निरीक्षण और चालान करता है। इसलिए मांस को लेकर सारी जिम्मेदारी भी उनकी ही है।


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