गढ़वाल के सेलंग गांव में लाल बुरांश के बीच खिले सफेद बुरांश, पहली बार ये नजारा देखकर लोग हैरान
White Buransh blossomed in Selang village कम ऊंचाई वाले सेलंग गांव में सफेद बुरांश का खिलना हर किसी को हैरान किए हुए है।
Feb 16 2023 7:21PM, Writer:कोमल नेगी
प्रकृति हमें कदम-कदम पर चौंकाती है। उत्तराखंड के चमोली में भी इन दिनों प्रकृति का एक ऐसा ही चमत्कार देखने को मिल रहा है। यहां खिले बुरांश के फूल हर किसी को हैरान कर रहे हैं।
White Buransh blossomed in Selang village
अब आप सोच रहे होंगे कि बुरांश के फूल तो मध्य हिमालयी क्षेत्र मे हमेशा से खिलते रहे हैं, लेकिन चमोली के सेलंग गांव में खिले फूल इसलिए अलग हैं, क्योंकि यहां बुरांश के लाल नहीं बल्कि सफेद फूल खिले हैं। सेलंग गांव जोशीमठ ब्लॉक में समुद्र तल से 1800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कम ऊंचाई वाले सेलंग गांव में सफेद बुरांश का खिलना हर किसी को हैरान किए हुए है। यह सफेद बुरांश रोडोरेंड्रॉन कैंपेनुलेटम प्रजाति का है। स्थानीय भाषा में सफेद बुरांश को लोग ‘चिमुल’, ‘रातपा’ जैसे नामों से जानते हैं। यह सफेद बुरांश का पेड़ 20 मीटर ऊंचा है, जबकि सामान्य पेड़ 5 से 6 मीटर ऊंचे होते हैं।
Selang Village White Buransh
राजकीय महाविद्यालय कर्णप्रयाग में वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर इंद्रेश पांडेय के मुताबिक कभी-कभी किन्हीं कारणों से सफेद बुरांश का बीज निचले स्थानों पर पहुंच जाता है। अलग एन्वॉयरमेंटल सेटअप के कारण इसके पेड़ की पहली और दूसरी पीढ़ी में मॉर्फोलॉजिकल बदलाव आ जाता है। इतना ही नहीं पांचवीं और छठी पीढ़ी में तो आनुवांशिक गुणों के बदलने की भी संभावना रहती है। स्थानीय निवासी कल्पेश्वर भंडारी बताते हैं कि पहाड़ के भूगोल से परिचित हर व्यक्ति इस बुरांश को देखकर हैरान हुए बिना नहीं रह पाता। बता दें कि लाल बुरांश 1500 से 2500 मीटर ऊंचाई वाले क्षेत्र में खिलता है। वहीं, लाल बुरांश के बीच यह सफेद बुरांश का पेड़ काफी सुंदर दिखाई दे रहा है। लाल बुरांश के बीच सफेद बुरांश का खिलना कौतूहल का विषय बना हुआ है। बुरांश एक औषधीय पौधा भी है। जो कई गंभीर रोगों के इलाज में प्रयोग किया जाता है।