उत्तराखंड: UCC के तहत विवाह पंजीकरण अनिवार्य, 14वीं सालगिराह के बाद छपवा रहे शादी का कार्ड
उत्तराखंड में UCC लागू होने के बाद शादी-शुदा जोड़ों का विवाह पंजीकरण होना अनिवार्य हो गया है। यूसीसी के तहत विवाह पंजीकरण नहीं करने वाले दम्पतियों पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
May 16 2025 12:52PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत 2010 के बाद बाद विवाह करने वाले सभी जोड़ों के लिए मेरिज सर्टिफिकेट होना अनिवार्य हो गया है। ऐसे में कई ऐसे दंपति हैं जो शादी के 10 से साल होने के बाद अपने विवाह के कार्ड छपवा रहे हैं।
Marriage registration is mandatory under UCC
दरअसल उत्तराखंड में UCC लागू होने के बाद शादी-शुदा जोड़ों का विवाह पंजीकरण होना अनिवार्य हो गया है। यूसीसी के तहत विवाह पंजीकरण नहीं करने वाले दम्पतियों पर जुर्माना लगाया जा सकता है। मेरिड सर्टिफिकेट बनवाने के लिए दम्पतियों की शादी कार्ड लगता है, लेकिन कई ऐसे दंपति के जिनकी शादी को कई साल हो चुके हैं और उनके पास उनकी शादी का कार्ड नहीं है. ऐसे में दंपति विवाह पंजीकरण के लिए शादी का नया कार्ड छपवा रहे हैं. इसी तरह का एक मामला पिथोरागढ़ जिले से सामने आया है।
शादी के 14 साल बाद छपवाया कार्ड
जानकारी के अनुसार पिथौरागढ़ जिले के प्रदीप तिवारी और दीपिका की शादी को 14 वर्ष पूरे हो चुके हैं। उनकी दो बेटियाँ हैं, जिनमें से एक नौंवी और दूसरी आठवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही हैं। लेकिन उन्होंने अपना विवाह पंजीकरण करवाने के लिए हाल ही में नया शादी का कार्ड छपवाया है। कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) में विवाह पंजीकरण के लिए लोगों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। खासतौर पर सरकारी कर्मचारी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इस प्रक्रिया में आगे हैं, क्योंकि विभागीय स्तर पर पंजीकरण की अनिवार्यता को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
केंद्र गवाह, पंडित और अन्य प्रमाण की व्यवस्था
प्रिंटिंग प्रेस संचालक के अनुसार रोजाना कई लोग सिर्फ विवाह पंजीकरण के लिए शादी के कार्ड छपवाने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि शपथपत्र और कार्ड का खर्च लगभग बराबर है, इसलिए लोग कार्ड को प्राथमिकता दे रहे हैं। एक सीएससी संचालक ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि कई केंद्र गवाह, पंडित और अन्य प्रमाण की व्यवस्था स्वयं करवा रहे हैं। हालांकि, इसके लिए अतिरिक्त शुल्क लिया जा रहा है। यह सब पंजीकरण प्रक्रिया को सरल और तेज बनाने के लिए किया जा रहा है।
लाखों लोग करा चुके हैं पंजीकरण
सहायक नगर आयुक्त राजदेव जायसी के अनुसार, पंजीकरण के लिए एक वैध दस्तावेज आवश्यक है। उत्तराखण्ड गृह विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि सरकारी कर्मचारियों को विवाह पंजीकरण के प्रति जागरूक किया जाए। अपर सचिव निवेदिता कुकरेती ने बताया कि यूसीसी लागू होने के बाद से अब तक 1,33,105 लोगों ने पंजीकरण कराया है।