image: When caught Patwari swallowed the bribe notes

उत्तराखंड: रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया पटवारी, साक्ष्य मिटाने के लिए निगल लिए नोट

लेकिन जब आरोपी को पकड़े जाने की भनक लगी तो उसने रिश्वत में मांगे गए नोटों को निगल लिया। आरोपी के पास 500-500 के चार नोट थे और उसने चारों की नोटों को चबा कर निगल लिया।
May 30 2025 8:30AM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम ने तेजी पकड़ ली है। देहरादून के कालसी तहसील में एक पटवारी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। विजिलेंस टीम की नज़रों में आते ही आरोपी ने रिश्वत में मांगे गए नोटों को निगल लिया, जिसके बाद आरोपी को सीटी स्कैन के लिए ले जाया गया।

When caught, the Patwari swallowed the bribe notes

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कठोर और जीरो टॉलरेंस अभियान शुरू किया है। सतर्कता विभाग द्वारा सीएम के इस अभियान का सख्ती से पालन किया जा रहा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए गई इस मुहीम के तहत विजिलेंस टीम द्वारा राज्य में आए दिन किसी न किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया जा रहा है। इस मुहीम के बाद भ्रष्टाचारियों में भय का माहौल उत्त्पन्न होने की संभावना है। इसी कड़ी में सतर्कता विभाग की टीम ने देहरादून के कालसी तहसील में एक पटवारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा।

500-500 के चार नोट निगले

जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता से मिली सूचना के आधार पर विजिलेंस टीम ने कालसी तहसील के पटवारी गुलशन हैदर के खिलाफ गुप्त कार्रवाई शुरू की। विजिलेंस टीम ने जांच के दौरान आरोपी पटवारी गुलशन हैदर को 2 हजार रूपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। लेकिन जब आरोपी को पकड़े जाने की भनक लगी तो उसने रिश्वत में मांगे गए नोटों को निगल लिया। आरोपी के पास 500-500 के चार नोट थे और उसने चारों की नोटों को चबा कर निगल लिया। विजिलेंस टीम उसे रोकने का प्रयास किया लेकिन पटवारी ने बहुत तेजी से नोटों को निगल लिया।

आरोपी का सीटी स्कैन किया गया

जिसके बाद विजिलेंस अधिकारी उसे मेडिकल जांच के लिए तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे। अस्पताल में आरोपी पटवारी का सीटी स्कैन किया गया, लेकिन उससे भी कोई साक्ष्य नहीं मिल पाए। अस्पताल में मौजूद सीटी स्कैन मशीन में आरोपी के पेट में नोटों के होने का कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिल पाया। आरोपी के खिलाफ साक्ष्य ना मिलने के कारण विजिलेंस टीम को मजबूरी में आरोपी पटवारी को छोड़ना पड़ा। विजिलेंस टीम के पास सबूत न होने के कारण आरोपी गुलशन हैदर अभी भी पटवारी के पद पर ही कार्यरत है।


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