image: Doon railway station will be shift to harrawala

देहरादून रेलवे स्टेशन को शिफ्ट करने की तैयारी, शहर से 10 किलोमीटर दूर बनेगा

देहरादून रेलवे स्टेशन को हर्रावाला में शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है, यानि अब देहरादून का मुख्य रेलवे स्टेशन शहर से 10 किलोमीटर दूर होगा...जानिए इस प्रोजक्ट की खास बातें
Aug 26 2019 6:20PM, Writer:कोमल

देहरादून में ट्रेन से सफर करने वाले लोगों के लिए जरूरी खबर है। देहरादून का रेलवे स्टेशन हर्रावाला में शिफ्ट होने जा रहा है। हर्रावाला और देहरादून के बीच की दूरी करीब 10 किलोमीटर है। इसका सीधा मतलब ये है कि आने वाले वक्त में रेलवे स्टेशन जाने के लिए यात्रियों को दस किलोमीटर का सफर तय कर हर्रावाला जाना पड़ेगा। रेलवे और एमडीडीए रेल सेवाओं को बेहतर बनाने और सुविधाएं देने के लिए प्रयास कर रही है। रेलवे स्टेशन को हर्रावाला में शिफ्ट करने का फैसला भी इसी प्लानिंग का हिस्सा है। पहले हर्रावाला को सेटेलाइट स्टेशन के तौर पर विकसित करने की बातें हो रही थीं, पर अब इसे मुख्य स्टेशन बनाने का फैसला हुआ है। हर्रावाला सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का विधानसभा क्षेत्र है। यहां के मुख्य रेलवे स्टेशन बनने के कई फायदे होंगे। दून से चलने वाली प्रमुख एक्सप्रेस और डीलक्स ट्रेनें हर्रावाला से चलेंगी।

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इस वक्त दून में 13 डिब्बों की ट्रेन आती है। केवल दो ट्रेनें ऐसी हैं, जिनमें 14 और 16 डिब्बे हैं। हर्रावाला से संचालन शुरू होने पर इनकी क्षमता बढ़ाकर 24 डिब्बों की कर दी जाएगी। रेलवे स्टेशन हाईटेक सुविधाओं से लैस होगा। आपको बता दें कि साल 2017 में रेल मंत्रालय ने हर्रावाला में सेटेलाइट स्टेशन बनाने की मंजूरी दी थी। पर अब इसे मुख्य रेलवे स्टेशन के तौर पर विकसित किया जाएगा। पहले इस प्रोजेक्ट की लागत 100 करोड़ थी, जो कि अब 400 करोड़ तक पहुंच गई है। हाईटेक स्टेशन बनने के बाद शताब्दी, जन शताब्दी, उपासना, हावड़ा, मसूरी एक्सप्रेस जैसी मुख्य ट्रेनें हर्रावाला में ही रुकेंगी। चारधाम यात्रा और मसूरी आने वाले यात्रियों को शहर के भीतर नहीं आना पड़ेगा। इस वक्त दून से सिर्फ 20 ट्रेनें चलती हैं, इनमें से भी 7 ट्रेनें हर दिन नहीं चलतीं। डिब्बों की संख्या कम है और यात्रियों का दबाव ज्यादा। ऐसे में हर्रावाला रेलवे स्टेशन बेहतर विकल्प साबित होगा। रेलवे बोर्ड यहां 5 प्लेटफार्म बनाएगा। रेलवे स्टेशन शहर के बाहर शिफ्ट होने से दून में ट्रैफिक का दबाव कम होगा। हर्रावाला के साथ-साथ मियांवाला, बालावाला जैसे इलाके डेवलप होंगे। सुविधाएं बढ़ेंगी, साथ ही रोजगार के मौके भी। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि पूरी प्रक्रिया में अभी वक्त लग सकता है। इस पर अंतिम फैसला उच्च अधिकारी लेंगे, फैसला होने के बाद डीपीआर तैयार की जाएगी।


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