उत्तराखंड का ‘पनीर’ वाला गांव, यहां स्वादिष्ट पनीर बना रोजगार का जरिया..कमाई भी शानदार
उत्तराखंड के इस गांव के लोग अब पनीर से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। यहां के पनीर का स्वाद भी निराला है। पढ़िए ये अच्छी खबर... पत्रकार मोहन भुलानी के फेसबुक वॉल से साभार....
Dec 2 2019 4:48PM, Writer:कोमल नेगी
रौतू की बेली, टिहरी (उत्तराखंड)। यह किसी भी सामान्य गांव की तरह ही दिखता है, लेकिन इस गांव का पनीर इसको दूसरे गांव से अलग बनाता है। इस पूरे इलाके में इस गांव में बना हुआ पनीर बेहद प्रसिद्ध है आलम यह है कि गांव में जितना प्रोडक्शन एक दिन में पनीर का होता है, वो पूरा पनीर बिक जाता है। यही नहीं यहां पर जब कोई नई बहु आती है तो उसे सबसे पहले पनीर बनाना सिखाया जाता है। टिहरी जिले में मसूरी से उत्तरकाशी जाते वक्त बाईपास पर पड़ता है पनीर वाला गांव रौतों की बेली। यहां के लोग कुछ साल पहले तक दूध बेचा करते थे, लेकिन दूध से उतना फायदा नहीं हो पाता था, लेकिन अब पनीर से तीन-चार गुना लाभ मिल रहा है। गाँव के मेहरबान सिंह भंडारी बताते हैं, "पहले गाँव में कोई रोजगार नहीं था, पशुपालन तो यहां पर हमेशा से ही होता, लेकिन दूध में कोई मुनाफा नहीं था, लेकिन पनीर में उत्पादन में काफी मुनाफा हो जाता है। पहले यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय दूध बेचना था, यहां से लोग देहरादून दूध बेचने जाते थे, लेकिन 1980 के आसपास यहां पर पनीर का काम शुरू हुआ। पनीर उत्पादन यहां के लोगों का मुख्य रोजगार बन गया है, जब से यहां से उत्तरकाशी बाई पास बना है तब से पनीर यही पर बिक जाता है। पहले मसूरी में नीचे से पनीर आता था, वहां पर किसी ने बताया कि पनीर बनाओ पहले एक-दो घरों में पनीर बनता था, अब तो घर-घर पनीर बनने लगा है।
पत्रकार मोहन भुलानी के फेसबुक वॉल से साभार
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