image: Almora road matter again in court

उत्तराखंड: यहां सड़क के लिए तरस रहे हैं गांव वाले, 10 साल से कोर्ट के चक्कर काटने को मजबूर

10 साल से इस गांव के लोग सड़क का इंतजार कर रहे हैं लेकिन मामला लगातार कोर्ट में लटक रहा है।
Dec 15 2019 7:08PM, Writer:कोमल नेगी

अल्मोड़ा जिले के धौलादेवी विकासखंड के अंतर्गत पिछले 10 वर्षों से स्वीकृत निर्माणाधीन चलमोड़ीगाड़ा-कलौटा मोटर मार्ग के टेंडर से जुड़े एक ठेकेदार के द्वारा फिर से सड़क को हाईकोर्ट में धकेले जाने की खबर से नाराज ग्रामीणों ने फिर से उत्तराखण्ड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया है। बीते बुधवार 11 दिसम्बर को ग्रामीणों की समिति ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में इस मामले में अपनी इम्प्लीडमेंट एप्लीकेशन दायर की,जिसमें 12 दिसम्बर गुरुवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि ग्रामीणों की इम्लीडमेन्ट एप्लीकेशन पर माननीय हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता मदन-मोहन पांडेय ने ग्रामीणों का पक्ष रखते हुये बहस की शुरुआत करते हुये कोर्ट को बताया कि सड़क के अभाव में ग्रामीणों की लगातार हो रही दर्दनाक मौतों तथा पर्दे के पीछे से सड़क निर्माण में लगातार बाधा खड़ी कर रहे नेताओं और उनके इशारों पर उनसे जुड़े ठेकेदारों द्वारा ठेका हाँसिल ना होने की स्थिति में गाँव की सड़क को जबरन कोर्ट में धकेलेने का चलन अब एक गैरकानूनी और खौफनाक हत्यार बन चुका है। बहस और सबूतों का अवलोकन करने के बाद कोर्ट ने ग्रामीणों के अधिवक्ता की दलीलों को न्याय संगत मानते हुये ग्रामीणों को केस की पार्टी मानते हुये उनकी इम्लीडमेन्ट को स्वीकार कर लिया है।

यह भी पढ़ें - पहाड़ में दुखद हादसा, सिर पर गहरी चोट लगने से 6 साल के मासूम की मौत..गांव में पसरा मातम
ताजा मामला टेंडर से जुड़े एक ठेकेदार सतीश पाण्डेय का है,जिसने इस सड़क को PMGSY से निर्माण करवाने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।जिसके बाद न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई होने तक PMGSY के द्वारा कोई भी अंतिम फैसला लेने पर रोक लगा रखी है।ज्ञात हो कि चलमोड़ीगाड़ा-कलौटा मोटरमार्ग इससे पहले भी दो बार लगातार विवादों में रहा है,इससे पूर्व यह तब सुर्खियों में आया था जब क्षेत्र के आधे दर्जन ग्रामप्रधानों के एक ग्रुप ने उनके पक्ष के ठेकेदार को ठेका ना मिलने की आशंका को देखते हुये सड़क की निविदा पर आपत्ति उठाते हुये एक सामूहिक मेजरनामा लोकनिर्माण विभाग में लगा दिया था।उसके बाद फिर नये सिरे से टेडरिंग हुई थी जो फिर विवादों में उलझ गयी और निविदा से जुड़े एक ठेकेदार ने टेडरिंग में धांधली का आरोप लगाकर निविदा को हाईकोर्ट में चुनौती देकर सड़क को कोर्ट में धकेल दिया था। सड़क को न्यायालय में धकेलेजाने से नाराज ग्रामीणों ने अपनी एक पब्लिक कमेटी के माध्यम से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उसके बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान ठेकेदार की याचिका को आधारहीन बताते हुये उसे खारिज कर दिया था। फिलहाल ग्रामीण अब ठेकेदारों से जुड़े तीसरे विवाद से जूझ रहे हैं। कोर्ट में सुनवाई के दौरान ग्रामीण विकास जन सँघर्ष समिति के प्रबंध निदेशक एवं बार एशोसिएशन के अध्यक्ष पूरन सिंह बिष्ट,अध्यक्ष केशवदत्त जोशी तथा समिति के कार्यकारी निदेशक मोहन चंद्र उपाध्याय न्यायालय में मौजूद रहे।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home