पहाड़ में ऐसे जिलाधिकारी भी हैं..DM ने सुदूर गांवों को दिलाई हाईटेक सुविधाओं से लैस दो एंबुलेंस
जिस जगह लोगों को रोज की जरूरतें पूरी करने के लिए भी कड़ा संघर्ष करना पड़ता हो, वहां गांव से अस्पताल पहुंचना भी एक बड़ी चुनौती है...
Dec 18 2019 6:37PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। कहीं अस्पताल नहीं हैं, कहीं डॉक्टर...और कहीं एंबुलेंस...जहां ये तीनों हैं वहां पर भी लोगों को समय रहते इलाज नहीं मिल पाता। दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में तो हाल और भी बुरे हैं, एंबुलेंस ना मिल पाने की वजह से लोग अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। चलिए अब कम से कम उत्तरकाशी की हर्षिल घाटी को ये दर्द नहीं सहना पड़ेगा। सोमवार को जिला प्रशासन ने क्षेत्र को दो नई एंबुलेंस की सौगात दी। ये दोनों एंबुलेंस हाईटेक सुविधाओं से लैस हैं। जिससे आपातकाल में लोगों को समय रहते मदद मिल सकेगी। डीएम डॉ. आशीष चौहान, यमुनोत्री विधायक केदार रावत और गंगोत्री विधायक गोपाल रावत ने दोनों एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन एंबुलेंस के जरिए सीमांत हर्षिल और मोरी के लोगों को मदद दी जाएगी। दोनों एंबुलेंस अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देंगी। दोनों एंबुलेंस में लाइट सिक्योरिटी सिस्टम लगा है, जिससे गंभीर रूप से बीमार होने या दूसरी आपातकालीन स्थिति में मरीज को समय रहते मदद मिल सकेगी। एक एंबुलेंस सीमांत हर्षिल घाटी के गांवों के लिए है, जबकि दूसरी एंबुलेंस मोरी में सेवाएं देगी।
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दूरस्थ इलाकों की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के नजरिये से ये बड़ा कदम है। इस पहल का श्रेय यहां के डीएम डॉ. आशीष चौहान को भी जाता है, जो कि स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की कोशिश में जुटे हैं। वो क्षेत्र के विकास के लिए काम कर रहे हैं। आपको बता दें कि दूरस्थ क्षेत्र में बसे हर्षिल घाटी और मोरी में आपातकालीन वक्त में स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाती थीं। एंबुलेंस ना होने की वजह से गंभीर रूप से बीमार लोगों को समय पर मदद नहीं मिलती थी। जिस जगह लोगों को रोज की जरूरतें पूरी करने के लिए भी कड़ा संघर्ष करना पड़ता हो, वहां गांव से अस्पताल पहुंचना भी एक बड़ी चुनौती है। उम्मीद है यहां के लोगों को अब राहत मिलेगी। अस्पताल पहुंचने के लिए दूसरे वाहनों की बाट नहीं जोहनी पड़ेगी। नई एंबुलेंस स्वास्थ्य सेवाओं के लिए वरदान साबित होंगी।