उत्तराखंड: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का ब्लॉग-हम मुफ़्तख़ोर नहीं है
उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने वनाधिकार आंदोलन को लेकर कुछ खास बातें लिखी हैं। आप भी पढ़िए
Feb 18 2020 7:43PM, Writer:मीत
उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के मुताबिक दिल्ली में बिजली-पानी के चुनाव पर सकारात्मक प्रभाव के बाद उत्तराखंड में भी कई सज्जनों ने यह माँग उठानी शुरू कर दी है। वनाधिकार आन्दोलन पिछले दो वर्षों से इन माँगो को लेकर आन्दोलनरत है, लेकिन हम मुफ़्तख़ोरी के पक्ष में नहीं है, हम तो क्षतिपूर्ति की बात कर रहे हैं।देश की आज़ादी के साथ ही हमें ये सहूलियतें मिलनी चाहिये थीं। 72 प्रतिशत वनक्षेत्र होने के बावजूद, हमें Forest Dwellers नहीं माना जा रहा है।जब तक सरकारों ने हमारे जंगलों पर क़ब्ज़ा नहीं किया था, पलायन दूर-दूर न था। भले ही हमारे पास 2-4 नाली ज़मीन रही हो, लेकिन हम लोग सैकड़ों हेक्टेयर के मालिक थे। जंगल हमारी ज़िन्दगी थी,आपने उसको हमसे छीन लिया और बदले में कोई क्षतिपूर्ति न दी। मेरा गाँव जंगल के बीच में है, आप हमें जंगल के निवासी नहीं मान रहे हैं।अत: वनाधिकार आन्दोलन उस क्षतिपूर्ति को माँग रहा है। वनाधिकार आंदोलन के ये प्रमुख बिंदु हैं
(1) उत्तराखण्ड को वनवासी प्रदेश घोषित कर उत्तराखंडियों को केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण दिया जाए।
(2) जब दिल्ली की सरकार उत्तराखण्ड का पानी दिल्ली की जनता को फ्री दे सकती है तो उत्तराखण्ड सरकार को भी जनता को निशुल्क पानी दिया जाना चाहिए।
(3) हमारे सारे ईंधन के कार्य जंगल से ही पूरे होते थे, इसलिए 01 गैस सिलेंडर व हर महीने निशुल्क मिलना हमारा हक़ है।
(4) अपना घर बनाने के लिए हमे निशुल्क पत्थर बजरी लकड़ी आदि मिलना चाहिए तथा दिल्ली की तरह 500 यूनिट बिजली भी निशुल्क मिले।
(5) युवाओं के रोजगार के लिए उत्तराखण्ड में उगने वाली जड़ी-बूटियों के दोहन का अधिकार स्थानीय समुदाय को दिया जाए।
(6) यदि कोई जंगली जानवर किसी व्यक्ति को विकलांग कर देता है या मार देता है तो सरकार को 25 लाख रु मुआवजा व पक्की सरकारी नौकरी देनी चाहिए।
(7) जंगली जानवरों द्वारा फसलों के नुकसान पर सरकार द्वारा तुरंत प्रभाव से 1500 रु प्रति नाली के हिसाब से क्षतिपूर्ति दी जाए।
(8) वन अधिकार अधिनियम-2006 को उत्तराखण्ड में लागू किया जाए। और उत्तराखण्ड को प्रति वर्ष 10 हजार करोड़ ग्रीन बोनस दिया जाए।
(9) परम्परागत बीजों/फ़सलों/पशुओं/वन्य प्राणियों/वनस्पतियों/ लोक कलाओं को बचायेंगे।
(10) प्रदेश में अविलम्ब चकबंदी की जाय।
(11) स्वास्थ्य व शिक्षा हर स्तर तक निशुल्क हो।
(12) तिलाड़ी काण्ड के शहीदों के सम्मान में 30 मई को वन अधिकार दिवस घोषित किया जाए।