कैसे निपटेगा उत्तराखंड? लॉकडाउन की वजह से यहां फंसे हैं 4 हजार देशी-विदेशी पर्यटक
सड़कों पर फैला सन्नाटा अब डराने लगा है। सबसे ज्यादा वो लोग डरे हुए हैं, जो कि उत्तराखंड घूमने आए थे, लेकिन अब अघोषित कैद में हैं। पढ़िए पूरी खबर
Mar 25 2020 11:04AM, Writer:कोमल नेगी
कोरोना वायरस अब रुलाने लगा है। उत्तराखंड लॉकडाउन है। जिस राज्य की आर्थिकी का मुख्य आधार पर्यटन हो, वहां इससे भारी नुकसान हो रहा है। लॉकडाउन के दौरान जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी, लेकिन इससे निश्चित तौर पर मुश्किलें बढ़ी हैं। सड़कों पर फैला सन्नाटा अब डराने लगा है। सबसे ज्यादा वो लोग डरे हुए हैं, जो कि उत्तराखंड घूमने आए थे, लेकिन अब अघोषित कैद में हैं। देश-विदेश से उत्तराखंड घूमने आए चार हजार से ज्यादा पर्यटक अलग-अलग जिलों में फंसे गए हैं। आवाजाही पर पूरी तरह रोक है, इसलिए ये पर्यटक वापस भी नहीं लौट पा रहे। मुश्किल के वक्त में उन्हें अपने परिवारवालों की चिंता सता रही है, वो लौटना चाहते हैं पर बेबस हैं। चलिए अब आपको जिलों में फंसे पर्यटकों की स्थिति बताते हैं। सबसे पहले बात करेंगे हरिद्वार की, एक रिपोर् के मुताबिक यहां दो हजार गुजराती पर्यटक फंसे हुए हैं। आगे भी जानिए बाकी जिलों का हाल
पौड़ी जिले और उसके आस-पास के इलाकों में 1200 विदेशी पर्यटक फंसे हैं। रुद्रप्रयाग में 15 देशी पर्यटकों को ठहराया गया हैं। देहरादून में 450, टिहरी में 400, उत्तरकाशी में 03, नैनीताल में 14 विदेशी और 49 देशी, चमोली में 04, अल्मोड़ा में 81 विदेशी और 13 देशी, पिथौरागढ़ में 09, चंपावत में 03 विदेशी और ऊधमसिंहनगर में 40 पर्यटक फंसे हैं। इनकी तकलीफ का आप और हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते। ये लोग उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में सुकून के पल बिताने आए थे, लेकिन ये सफर उनके लिए अब बुरे सपने जैसा बन गया है। 31 मार्च तक उत्तराखंड लॉकडाउन है। ना तो कोई बाहरी व्यक्ति प्रदेश में आ सकता है ना ही यहां से कोई दूसरे शहर जा सकता है। सरकार उत्तराखंड में फंसे पर्यटकों के हितों का ध्यान रख रही है। पहले से होटलों में रुके पर्यटकों को जबरन ना हटाने और उनके साथ अच्छा व्यवहार करने के निर्देश दिए गए हैं।
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