image: Kedarnath temple garbhagriha video goes viral

केदारनाथ के गर्भगृह का वीडियो वायरल होने के बाद बवाल, कैबिनेट मंत्री ने मांगी रिपोर्ट

केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में पूजा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद से घमासान मचा है। इस मामले में कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने प्रशासन से रिपोर्ट तलब की, ये मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है...
May 12 2020 10:27AM, Writer:कोमल नेगी

सोशल मीडिया के दौर में प्राइवेसी एक बड़ा मुद्दा है। जिस पर बहस भी खूब होती है, पर अपने उत्तराखंड में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें किसी इंसान की नहीं ‘भगवान’ की प्राइवेसी पर घमासान मचा है। मामला चारधामों में से प्रमुख धाम केदारनाथ मंदिर (Kedarnath temple) से जुड़ा है। यहां मंदिर के गर्भगृह में पूजा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से हड़कंप मच गया। वीडियो में रावल भीमा शंकर लिंग गर्भगृह में पूजा करते दिख रहे हैं। गर्भगृह में पूजा की तस्वीरें और वीडियो लेने की पाबंदी है। ऐसे में वीडियो किसने बनाया, इसे किसने वायरल किया इसकी छानबीन की जा रही है। जागरण की खबर के मुताबिक वीडियो वायरल होने के बाद देवस्थानाम बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी बीडी सिंह ने इस मामले में सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि रावल का केदारनाथ प्रवास के दौरान पूजा और आरती का वीडियो भूलवश वायरल हुआ। फिर भी हम जांच करा रहे हैं।

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इस मामले में अगर कोई कर्मचारी शामिल मिला तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को खुल चुके हैं, तब से यहां विधिवत पूजा-अर्चना जारी है। लॉकडाउन के चलते श्रद्धालु मंदिर नहीं आ सकते, लेकिन धाम में पूजा-आराधना संबंधी सारे विधि-विधान नियमपूर्वक निभाए जा रहे हैं। केदारनाथ के गर्भगृह में फोटो खींचना या वीडियो बनाना प्रतिबंधित है। सख्ती के बावजूद शनिवार को गर्भगृह में पूजा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसे देख प्रशासन भी सकते में आ गया। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस मामले में प्रशासन से रिपोर्ट तलब की। मामले ने तूल पकड़ा तो देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी बीडी सिंह ने शाम को एक प्रेस रिलीज जारी की। जिसमें उन्होंने लिखा कि 3 मई को रावल भीमा शंकर लिंग ने परंपराओं का पालन करते हुए अभिषेक और सायंकालीन आरती की। इस दौरान किसी ने गलती से गर्भगृह में वीडियोग्राफी कर दी। मामले में किसी कर्मचारी की संलिप्तता नहीं मिली है। अगर भविष्य में जांच के दौरान कोई कर्मचारी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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