डीएम मंगेश घिल्डियाल की मेहनत रंग लाई, टिहरी गढ़वाल से आई बहुत अच्छी खबर
टिहरी जिले में अबतक कोरोना संक्रमितों के जितने केस मिले हैं उनमें से अधिकांश एकदम स्वस्थ्य होकर घर लौट चुके हैं। 308 मरीजों में से 252 मरीजों ने इस वायरस के खिलाफ जंग जीत ली है। यह हर लिहाज से एक सकारात्मक खबर है।
Jun 18 2020 11:01AM, Writer:अनुष्का
उत्तराखंड में कोरोना जितनी तीव्रता से बढ़ रहा है, यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। राज्य के भविष्य के ऊपर यह बहुत बड़ा साया बनकर सामने आया है।ऐसे में जरूरत है सकारात्मक बने रहने की। सकारात्मकता के बिना इस वायरस से जीतना मुश्किल है। आज राज्य समीक्षा एक ऐसी ही पॉजिटिव खबर आपके लिए लेकर आया है। खबर टिहरी जिले से आई है। बता दें कि टिहरी जिले में अबतक कोरोना संक्रमितों के जितने केस मिले हैं उनमें से अधिकांश एकदम स्वस्थ्य होकर घर लौट चुके हैं। जी हां, 308 मरीजों में से 252 मरीजों ने इस वायरस के खिलाफ जंग जीत ली है। यह हर लिहाज से एक सकारात्मक खबर है। इसी के साथ टिहरी जिले के स्वास्थ्य प्रशासन और जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली। यह समझने की जरूरत है कि अगर लोग इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं तो उतनी ही तेजी से वे ठीक भी हो रहे हैं। चलिए टिहरी जिले के आंकड़ों के ऊपर गौर करते हैं।
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टिहरी जिले में अब तक 308 कोरोना वायरस मरीज पाए गए हैं। उनमें से 252 मरीजों ने इस वायरस के खिलाफ जंग जीत ली है और सकुशल घर वापसी कर ली है। वर्तमान में टिहरी में कोविड-19 के 56 एक्टिव केस हैं। कुछ दिन पहले तक सक्रिय केस 119 थे मगर बहुत ही तीव्रता से टिहरी जिले के में लोगों ने रिकवर किया है। यह माना जा सकता है कि टिहरी का रिकवरी रेट काफी बेहतर है। इसी के साथ टिहरी जिले में अब तक कोरोनावायरस से किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। यह स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। जिले में अभी तक 3500 लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं। कोई भी गंभीर कोरोना वायरस का मामला नहीं आया है। वर्तमान में एक्टिव केस भी बहुत ही तेजी से रिकवरी कर रहे हैं। टिहरी जिले में नर्सिंग कॉलेज में कोविड-19 के लिए 250 बेड्स की व्यवस्था है। इसी के साथ कोटी कॉलोनी व भागीरथी पुरम हाइड्रो इंजीनियर कॉलेज के छात्रावास को भी कोरोना वायरस सेंटर बनाया गया है। वही जिला अस्पताल और नरेंद्र नगर में भी वेंटिलेटर की सुविधा है ताकि अगर किसी मरीज की हालत गंभीर हो जाए तो उसे वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया जा सके। टिहरी के लोगों के बीच इस खबर से काफी राहत पहुंची है और उनका डर भी खत्म हुआ है।