उत्तराखंड: कोरोना के बीच इस बीमारी ने पसारे पैर, बमस्युं क्षेत्र में 22 लोग बीमार
अल्मोड़ा में अब धीरे-धीरे डायरिया भी अपने पैर पसार रहा है। रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे के नजदीक एक गांव में 22 लोग डायरिया की चपेट में आ गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीणों के बीच में डायरिया की दवाइयां वितरित की जा रही हैं।
Jun 20 2020 5:53PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
एक तरफ लंबे समय से चलता आ रहा कोरोना है..जिसने लोगों के दिलों में खौफ में पैदा तिया हुआ है। इसी बीच अल्मोड़ा से भी बुरी खबर आ रही है। अल्मोड़ा में अब धीरे-धीरे डायरिया भी अपने पैर पसार रहा है। जी हां, इसका मतलब है अब जिला प्रशासन के ऊपर एक और मुसीबत को संभालने का जिम्मेदारी आ गई है। बता दें कि रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे स्थित बमस्यु गांव में तकरीबन 22 लोग डायरिया की चपेट में आ गए हैं। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव फूलते नजर आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में तुरंत ही जाकर वहां मरीजों की जांच की। अभी स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ग्रामीणों के बीच में डायरिया की दवाइयां वितरित की जा रही हैं। अल्मोड़ा का स्वास्थ्य विभाग इस ओर बहुत ही सक्रिय हो रखा है क्योंकि वह कोरोना के बीच एक और मुसीबत कोई नहीं चाहता। रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे के बमस्यु क्षेत्र में मात्र एक या दो नहीं मगर 22 लोग उल्टी दस्त और पेट दर्द से ग्रसित हैं। ग्रामीणों ने इस बात की सूचना स्वास्थ्य विभाग की टीम को दी। आगे पढ़िए
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स्वास्थ्य विभाग की तुरंत ही गांव में आई और एक-एक करके सभी ग्रामीणों की जांच की। जांच में 22 लोग चिन्हित किए गए हैं। गांव की महिलाएं, बच्चे और बुजुर्गों के अंदर डायरिया लक्षण मिले हैं। यह बीमारी दूषित पानी पीने की वजह से हुई है। ग्रामीणों के अनुसार बजीना गांव के नीचे धनगाढ़ स्थित स्त्रोत से ग्रामीण पानी की आपूर्ति करते हैं। वहीं चिकित्सकों के अनुसार दूषित पानी पीने से ही 22 लोग इस संक्रमण की चपेट में आए हैं। स्वास्थ्य विभाग को इस बारे में पता लगते ही उन्होंने तुरंत एक्शन लिया और फार्मासिस्ट गिरधर बिष्ट, डॉ अदिति कटियार आदि स्वास्थ्य कर्मी की पूरी टीम गांव में ग्रामीणों को दवाइयां वितरित करने में जुट गई हैं। साथ ही वह लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं। वहीं जल संस्थान में भी दूषित पानी के नमूने को लेकर जांच शुरू हो गई है। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता सुरेश ठाकुर के अनुसार ग्रामीणों को पहले भी इस जल स्तोत्र का पानी पीने से मना किया गया था क्योंकि यह पानी स्वच्छता के पैमाने पर खरा नहीं उतरता है। मगर ग्रामीणों ने उसी पानी को एक बार फिर से पीकर डायरिया को निमंत्रण दिया है। फिलहाल सभी को दवाइयां दे दी गई हैं। अगर आवश्यकता पड़ी तो जिला प्रशासन की मदद से स्त्रोत को सील किया जाएगा ताकि भविष्य में दूषित पानी पीने के कारण किसी को यह समस्या न हो।