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उत्तराखंड: दोमुंहे रेड बोआ सांप की तस्करी में 3 गिरफ्तार, ब्लैक मार्केट में करोड़ों में है कीमत

पुलिस ने जब गाड़ी की तलाशी ली तो उसकी पिछली सीट पर एक बैग में दो मुंह वाला रेड सैंड का बोआ सांप मिला। पुलिस टीम दोनों तस्करों के साथ बोआ सांप और गाड़ी को भी गिरफ्त में लिया।
May 3 2025 9:07PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

देहरादून पुलिस ने एक दुर्लभ दो मुंह वाला रेड सैंड बोआ सांप के साथ तीन वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार किया है। साँपों की यह प्रजाति वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (संशोधित) के तहत संरक्षित जानवरों की सूची में शामिल है। इस सांप की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब एक करोड़ रुपये है।

3 smugglers of red boa snake arrested

एसएसपी अजय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 2 मई को हमें अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव तस्करी गिरोह के तीन सदस्यों के देहरादून में मौजूद होने की खुफिया जानकारी मिली थी। पुलिस को तस्करों के पास दुर्लभ प्रजाति का लाल सैंड बोआ होने की जानकारी मिली थी। विकास नगर के कैनाल रोड पर आरोपी एक बिना रजिस्ट्रेशन नंबर वाली सफेद रंग की स्विफ्ट कार में सांप बेचने के मौके की ताक में थे। जानकारी मिलते ही पुलिस टीम सबसे पहले एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया। टीम ने क्षेत्र को चारों ओर से घेरा, और बिना रजिस्ट्रेशन नंबर की सफेद रंग की स्विफ्ट कार को रोका। पुलिस ने जब गाड़ी की तलाशी ली तो उसकी पिछली सीट पर एक बैग में एक जीवित दो मुंहा रेड सैंड का बोआ सांप मिला। पुलिस टीम दोनों तस्करों के साथ बोआ सांप और गाड़ी को भी गिरफ्त में लिया।

काला बाजार में है करोड़ो की कीमत

पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में तस्करों ने बताया कि वे लोग लाडवा गिरोह से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय काला बाजार में इस सांप की कीमत करीब 1 करोड़ रुपए के है। उन्होंने कहा कि रेड सैंड बोआ एक दुर्लभ किस्म का गैर-जहरीला सांप है। इसका उपयोग कुछ खास दवाइयां बनाने और सौंदर्य प्रसाधन बनाने में और काले जादू में किया जाता है। इसलिए इसकी दुनिया भर में भारी मांग रहती है। वे लोग इसे हरियाणा से देहरादून ऊंचे दामों पर बेचने के लिए लाए थे।

दुर्लभ प्रजाति का सांप

सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, टीम ने सांप की पहचान Red Sand Boa (Eryx johnii) सांप के रूप में की। वन अधिकारियों के अनुसार, रेड सैंड बोआ वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (2022 में संशोधित) की अनुसूची I के भाग सी (सरीसृप), सीरियल नंबर 01 के तहत सूचीबद्ध है। इस प्रजाति को अधिनियम के तहत सख्ती से संरक्षित किया गया है, और इसका शिकार, व्यापार, कब्जा या परिवहन पूरी तरह से प्रतिबंधित है, जिसे दंडनीय अपराध माना जाता है।
एसएसपी अजय सिंह बताया कि तीनों आरोपियों को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 2, 9, 39, 48, 49बी और 51 के तहत गिरफ्तार किया गया। उनके खिलाफ विकास नगर थाने में मामला दर्ज किया गया है।

तस्करों की पहचान

40 वर्षीय अनिल कुमार, निवासी जिला कुरुक्षेत्र, हरियाणा,
50 वर्षीय अशोक कुमार, निवासी जिला यमुनानगर, हरियाणा,
41 वर्षीय संदीप कुमार, निवासी जिला हरिद्वार, उत्तराखंड,


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