उत्तराखंड के इस स्कूल ने पेश की मिसाल..कोरोना काल में छात्रों की 100 फीसदी उपस्थिति
स्कूल ने साबित कर दिया है कि अगर लापरवाही न बरती जाए और स्कूल का प्रशासन थोड़ा अनुशासित हो तो कोरोना काल के बीच पढ़ाई पूरी तरह संभव है।
Nov 15 2020 9:53PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड में कोरोना का प्रकोप कम होता नहीं दिखाई दे रहा है। इस बीच नवंबर के पहले हफ्ते से ही उत्तराखंड में सभी स्कूलों को खोलने के निर्देश राज्य सरकार ने दे दिए हैं। नवंबर के पहले हफ्ते से उत्तराखंड के सभी विद्यालयों के खुलने के बाद भी विद्यालयों में नामात्र के विद्यार्थी दिखाई दे रहे हैं। सरकारी विद्यालयों की बात करें तो दसवीं और बारहवीं के कुल 30फीसदी बच्चे ही स्कूल अटेंड कर रहे हैं। कोरोना काल में अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने में डर रहे हैं। वहीं स्कूलों ने भी बच्चों की जिम्मेदारी उठाने से हाथ खड़े कर दिए हैं। मगर इस बीच हरिद्वार के एक स्कूल ने यह साबित कर दिया है कि अगर लापरवाही न बरती जाए और स्कूल का प्रशासन थोड़ा अनुशासित हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है। हरिद्वार के जमालपुर कलां के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में लॉकडाउन के बाद से बंद पड़े स्कूल को खोलने के बाद से ही स्कूल के अंदर विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति देखी जा रही है। स्कूल के अंदर वह सब हो रहा है जो कि पहले होता था मगर अब कोविड-19 के नियमों का सख्ती से पालन भी हो रहा है।
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स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रार्थना सभा में छात्र एवं छात्राओं को कोविड-19 के नियमों के पालन की शपथ दिलाई जाती है। एक ओर सभी सरकारी विद्यालय स्कूल संचालित करने में डर रहे हैं। कोरोना काल में सरकारी स्कूल में विद्यार्थियों की उपस्थिति 30फीसदी से आगे नहीं बढ़ रही है। स्कूल का प्रशासन बच्चों को स्कूल बुलाने से डर रहा है। वहीं दूसरी ओर बहादराबाद ब्लॉक के जमालपुर में प्रधानाचार्य अपने स्कूल को दृढ़ निश्चता और अनुशासन से ठीक उसी तरह चला रहे हैं जैसे वे कोरोना काल से पहले चलाया करते थे। महामारी के दौरान भी राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति है जो कि किसी मिसाल से कम नहीं है। स्कूल के प्रधानाचार्य रविंद्र रोड ने बताया कि 2 नवंबर से स्कूल में सभी शिक्षक और छात्र एवं छात्राएं लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं और विद्यालय में शत-प्रतिशत अटेंडेंस दर्ज हो रही है। आगे पढ़िए
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प्रधानाचार्य रविंद्र रोड ने कहा कि पहले दिन स्कूल में 9 बच्चे नहीं आए जिसके बाद प्रधानाचार्य समेत सभी शिक्षकों ने घर-घर जाकर उनके अभिभावकों से अपील करी कि बच्चों की पढ़ाई पर कोरोना का बुरा प्रभाव नहीं आना चाहिए और वे स्कूल के अंदर विद्यार्थियों के ऊपर कड़ी नजर रखेंगे। इसलिए अपने बच्चों को स्कूल भेजिए। उन्होंने अभिभावकों को यह आश्वासन दिलाया कि घबराने की आवश्यकता नहीं है और उनके बच्चों की सुरक्षा का स्कूल पूरा ध्यान रखेगा। उन्होंने कहा कि छात्रों के अभिभावकों ने हमारे ऊपर विश्वास जताया और उसी समय बाकी बचे हुए 9 बच्चे हमारे साथ स्कूल में आए। उसके बाद से लगातार हमारी स्कूल में 100 फीसदी अटेंडेंस हो रही है। शिक्षा के ऊपर कोरोना का प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। उनके स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रार्थना सभा में सभी छात्र एवं छात्राओं को कोविड-19 के नियमों का पालन करने के लिए भी हर रोज कहा जाता है और उनसे शपथ दिलवाई जाती है। बच्चों का स्कूल में मास्क पहनना पूरी तरह से अनिवार्य है और शारीरिक दूरी का भी ध्यान रखने के लिए सभी शिक्षकों को आदेश दे रखे हैं।