उत्तराखंड: कोरोना काल में फरिश्ता बने पुलिसकर्मी, प्लाज्मा डोनेट कर बचा रहे लोगों की जान
समय बुरा जरूर है, लेकिन इस बुरे वक्त में भी कुछ लोग हैं, जो दूसरों को उम्मीद दे रहे हैं। उन्हें बता रहे हैं कि इंसानियत खत्म नहीं हुई है, कोरोना महामारी का मुकाबला हमें मिलकर करना होगा।
May 5 2021 12:08AM, Writer:Komal Negi
कोरोना काल में हर तरफ डर का माहौल है। ऑक्सीजन और इलाज न मिल पाने के कारण दम तोड़ते लोगों की तस्वीरें दिल दुखा रही हैं। हालांकि इस बुरे वक्त में भी कुछ लोग हैं, जो दूसरों को उम्मीद दे रहे हैं। उन्हें बता रहे हैं कि इंसानियत खत्म नहीं हुई है, कोरोना महामारी का मुकाबला हमें मिलकर करना होगा। उत्तराखंड पुलिस के जवान भी मुसीबत के इस वक्त में जीवन रक्षक की भूमिका निभा रहे हैं। कोविड मरीजों को अस्पताल पहुंचाना हो, ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने हों या फिर प्लाज्मा डोनेट करना हो...पुलिसकर्मी जनता की सेवा के लिए बढ़चढ़ कर आगे आ रहे हैं। सोमवार को देहरादून पुलिस लाइन में हुए शिविर में 50 पुलिसकर्मियों ने प्लाज्मा डोनेट किया। इसके इस्तेमाल से कई कोरोना पॉजिटिव मरीजों की जान बचाई जा सकेगी। एसएसपी डॉ. योगेंद्र रावत ने कहा कि कोविड संक्रमितों की मदद के लिए हम हर वक्त तैयार हैं। जो पुलिसकर्मी कोरोना को मात दे चुके हैं और प्लाज्मा डोनेट करना चाहते हैं। वो पुलिस लाइन में सैंपल दे सकते हैं।
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शिविर के दौरान नोडल अधिकारी कोविड-19 प्रकाश चंद्र, सहायक नोडल अधिकारी शेखर चंद्र सुयाल, क्षेत्राधिकारी सदर अनुज कुमार, क्षेत्राधिकारी यातायात उमेश पाल सिंह रावत, क्षेत्राधिकारी डालनवाला जूही मनराल और क्षेत्राधिकारी नेहरू कॉलोनी पल्लवी त्यागी समेत कई अधिकारियों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को सैंपल दिए। अब तक कई पुलिसकर्मी प्लाज्मा डोनेट कर कोरोना मरीजों की जान बचा चुके हैं। पिछले दिनों साइबर सेल प्रभारी उपनिरीक्षक नरेश सिंह राठौड़ ने प्लाज्मा देकर एक कोरोना मरीज की जान बचाई। यह प्लाज्मा जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती मयंक नाम के मरीज को दिया गया। पुलिसकर्मियों के साथ कोरोना को मात देने वाले डॉक्टर भी प्लाज्मा डोनेट कर मरीजों की जान बचा रहे हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विशाल कौशिक ने भी सोमवार को दून अस्पताल के ब्लड बैंक में प्लाज्मा दान किया। कोरोना को मात दे चुके लोगों से हमारी अपील है कि वे निडर होकर मदद के लिए आगे आएं। प्लाज्मा डोनेट करें। आपका एक प्रयास दो लोगों की जिंदगी बचा सकता है।