उत्तरकाशी में हर तरफ तबाही का मंजर, मलबे मे कई लोगों के दबे होने की आशंका, रेस्क्यू जारी
जिले के तीन गांवों में कुदरत के कहर से लोग हलकान हैं। बादल फटने के बाद यहां कई घर मलबे के ढेर में तब्दील हो गए। एक बच्ची समेत तीन लोगों की जान चली गई।
Jul 19 2021 5:40PM, Writer:Komal Negi
सीमांत जिला उत्तरकाशी एक बार फिर आपदा के दर्द से कराह रहा है। बीती रात यहां तबाही का बादल फट गया, जिसके बाद काल बनकर आया सैलाब अपने साथ सबकुछ बहा ले गया। जिले के तीन गांवों में कुदरत के कहर से लोग हलकान हैं। बादल फटने के बाद यहां कई घर मलबे के ढेर में तब्दील हो गए। एक बच्ची समेत तीन लोगों की जान चली गई। कई गाड़ियां भी सैलाब में बह गईं। रविवार की रात अतिवृष्टि से इन गांवों में पहाड़ों, गदेरों और जलस्रोतों से बड़ी मात्रा में आए मलबे से कई घरों को खासा नुकसान पहुंचा। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार बादल फटने की घटना के बाद से मांडो गांव में अब भी चार लोग लापता हैं। बीती रात यहां मांडो, निराकोट, पनवाड़ी और कंकराड़ी के आवासीय घरों में पानी घुस गया। साथ ही गदेरा उफान पर आने से तीन लोग मलबे में फंसकर घायल हो गए। आपदा प्रबंधन विभाग और एसडीआरएफ की टीम ने घायलों को रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया।
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क्षेत्र में अब भी बचाव अभियान जारी है। मांडो में दो घर पूरी तरह ध्वस्त हुए है, जबकि 9 मकानों में पानी-मलबा भर गया। सोमवार सुबह यहां हर तरफ का नजारा बेहद खौफनाक दिखा। मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। आपदा से गांव में संपत्ति को कितना नुकसान हुआ है इसका ब्योरा नहीं मिल पाया है। मलबा सड़क की ओर भी आया, जहां कई वाहनों के भी इसमें दबे होने की आशंका जताई गई है। आपदा में जान गंवाने वालों में मांडो निवासी माधुरी पत्नी देवानन्द, उम्र 42 वर्ष, रीतू पत्नी दीपक, उम्र 38 वर्ष और छह साल की ईशू पुत्री दीपक शामिल हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख जताते हुए डीएम को राहत और बचाव कार्य शीर्ष प्राथमिकता पर कराने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में अब भी जगह-जगह भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए अगले 24 घंटे में देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और पौड़ी जैसे जिलों में अत्यंत भारी बारिश होने की संभावना जताई है। आप भी सावधान रहें, सुरक्षित रहें।