गढ़वाल: मां-बेटी ने एक साथ दी परीक्षा..मां ने किया 12वीं पास, दसवीं में पहुंची बेटी
कमला के घर की स्थिति ठीक नहीं थी, वो सिर्फ 8वीं तक की पढ़ाई कर सकीं। साल 2006 में शादी हो गई, तीन बच्चों की जिम्मेदारी सिर पर आ गई।
Aug 2 2021 11:11AM, Writer:Komal Negi
‘निल बटे सन्नाटा’। कुछ साल पहले आई ये फिल्म मां-बेटी के रिश्ते और पढ़ाई के लिए उनकी जर्नी पर आधारित थी। मां घरों में काम करती है ताकि बेटी पढ़ लिखकर नाम कमाए, मगर बेटी सोचती है कि जो मां करती है वह भी वही करेगी, इसलिए पढ़ाई पर ध्यान नहीं देती। बाद में मां अपनी बेटी के स्कूल में एडमिशन लेती है और इस तरह बेटी के मर चुके ख्वाब को जिंदा करने की कोशिश में अपने सपनों को जीना शुरू कर देती है। फिल्म का जिक्र हम इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि पढ़ाई के लिए जज्बे की ऐसी ही एक मिसाल अपने उत्तराखंड में भी सामने आई है। चमोली की रहने वाली मां और बेटी ने इस साल एक साथ 9वीं और 12वीं की परीक्षा पास की। दोनों की सफलता से परिवार के साथ गांव में जश्न का माहौल है। हमारी कहानी की नायिका 39 वर्षीय कमला रावत हैं। दशोली के ठेली गांव में रहने वाली कमला के घर की स्थिति ठीक नहीं थी, वो सिर्फ 8वीं तक की पढ़ाई कर सकीं। साल 2006 में शादी हो गई, तीन बच्चों की जिम्मेदारी सिर पर आ गई। ऐसे में पढ़ाई जारी रखने के बारे में सोचा तक नहीं जा सकता था, लेकिन कमला के मन में हमेशा टीस बनी रही। आगे पढ़िए
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बच्चे स्कूल जाने लगे तो कमला भी पढ़ाई जारी रखने की सोचने लगीं। अच्छी बात ये है कि परिजनों ने भी उनकी इच्छा का सम्मान किया और साल 2018 में उनका हाईस्कूल का फॉर्म भरा दिया। वह परीक्षा में सफल रहीं। इस साल कमला ने नंदप्रयाग से 12वीं की परीक्षा पास की है। यही नहीं उनके साथ उनकी बेटी आएशा रावत ने भी 9वीं की परीक्षा पास की है। कमला कहती हैं कि शादी के बाद जिम्मेदारी आई तो मुझे लगा कि अब आगे नहीं पढ़ पाऊंगी, लेकिन सरकार के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नारे ने मुझे प्रभावित किया। ज्ञान अर्जित करने में उम्र कभी बाधा नहीं बनती, इसलिए मैं आगे भी पढ़ाई जारी रखूंगी। इस तरह कमला रावत ने साबित कर दिया कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। कमला और उनकी बेटी के एक साथ बोर्ड परीक्षा पास करने पर परिवार में खुशी का माहौल है।