image: Ranikhet Hidam village Bhuvan Ram passed away

पहाड़ में दुखद हादसा: 1 ही गांव से उठी दो अर्थियां, दो मासूम बेटियां अब किसे कहेंगी पिता?

हादसे में जान गंवाने वाले भुवन राम की दो बेटियां हैं। एक तीन साल की है, जबकि दूसरी की उम्र महज डेढ़ वर्ष है। पिता की मौत के बाद दोनों बच्चियों के सामने परवरिश का संकट पैदा हो गया है।
Jan 8 2022 5:02PM, Writer:कोमल नेगी

पहाड़ में खराब सड़कें और खराब मौसम वाहन चालकों के लिए काल साबित हो रहे हैं। हर जिले से सड़क हादसों की खबरें आ रही हैं, जिनमें बेगुनाहों की जान जा रही है। बुधवार देर रात अल्मोड़ा के रानीखेत में भी एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। यहां एक कार गहरे खड्ड में जा गिरी। हादसे में कार सवार चाचा-भतीजे की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक बच्ची समेत दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सड़क हादसे में दो लोगों की मौत के बाद रानीखेत के हिड़ाम गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है। हादसे में मारे गए लोग इसी गांव में रहते थे। एक्सीडेंट में जान गंवाने वाले राजमिस्त्री भुवन राम की दो बेटियां हैं। एक तीन साल की है, जबकि दूसरी की उम्र महज डेढ़ वर्ष है। भुवन किसी तरह मेहनत-मजदूरी कर परिवार की गुजर-बसर कर रहा था, लेकिन एक हादसे ने सब खत्म कर दिया। राजमिस्त्री प्रकाश राम की भी इस हादसे में जान चली गई। उसके भी दो बेटे और तीन बेटियां हैं। एक बेटी की शादी हो चुकी है, जबकि दूसरी के विवाह की बात चल रही थी। हिड़ाम गांव ताड़ीखेत ब्लॉक में पड़ता है। यहां पेशे से राजमिस्त्री प्रकाश राम उम्र 50 वर्ष अपने परिवार के साथ रहता था। आगे पढ़िए

बुधवार को प्रकाश राम अपने 35 वर्षीय भतीजे भुवनराम के साथ घर लौट रहा था। दोनों तिपौला गांव में मजदूरी करने के बाद खैरना गरमपानी में खरीदारी कर कार से घर वापस लौट रहे थे। वाहन में कार चालक प्रकाश चंद्र के साथ माही नाम की एक बच्ची भी बैठी थी। इस बीच गांव से करीब 300 मीटर की दूरी पर कार बेकाबू होकर गहरे खड्ड में जा गिरी। हादसे की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया, लेकिन तब तक प्रकाश राम और भुवन की मौत हो चुकी थी। कार का चालक प्रकाश चंद्र और बच्ची माही घायल थे। जिन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिए गए। हादसे के बाद मृतकों के परिवार में कोहराम मचा है। स्थानीय लोगों ने कहा कि हादसे में मारे गए लोगों के परिवार बेहद गरीब हैं। ऐसे में सरकार-प्रशासन को उनकी आर्थिक मदद के लिए आगे आना चाहिए।


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