image: Rambada-Garudchatti route opened again

केदारनाथ: फिर खोला गया रामबाड़ा-गरुड़चट्टी मार्ग, 2013 की आपदा में हुआ था अवरुद्ध

उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग ने रामबाड़ा से गरुड़ चट्टी तक के लगभग 6 किमी लंबे मार्ग को दोबारा से पुनर्जीवित कर दिया है। ये पुराना मार्ग फिर से शुरू किए जाने के बाद केदारनाथ पैदल मार्ग की दूरी लगभग 16 किमी रह जाएगी।
May 17 2025 1:17PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

साल 2013 में केदारनाथ धाम में आई आपदा के बाद रामबाड़ा से गरुड़ चट्टी तक का पुराना पैदल मार्ग बंद हो गया था। पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत इस ऐतिहासिक पैदल मार्ग को श्रद्धालुओं के लिए पुनः खोला गया है। यह मार्ग केदारनाथ यात्रा की दूरी को नए वैकल्पिक मार्ग से करीब 5 किमी करेगा।

Rambada-Garudchatti route opened again

आपको बता दें कि वर्ष 2013 की आपदा से पहले रामबाड़ा केदारनाथ यात्रा का मुख्य पड़ाव हुआ करता था। वहीं गरुड़ चट्टी साधु-संतों और श्रद्धालुओं केविश्राम स्थल के रूप में प्रसिद्ध था। लेकिन आपदा के बाद रामबाड़ा से गरुड़ चट्टी तक का पैदल मार्ग वीरान हो गया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मार्ग सिर्फ एक रास्ता नहीं, बल्कि आस्था, इतिहास और प्रकृति का संगम है।

16 किमी रह जाएगी केदारनाथ मार्ग की दूरी

प्रशासन ने आपदा के बाद केदारनाथ यात्रा के लिए एक नया वैकल्पिक मार्ग तैयार किया, जिससे केदारनाथ की दूरी 14 किमी से बढ़कर 21 किमी हो गई थी। लेकिन अब पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत रामबाड़ा से गरुड़ चट्टी तक के पैदल मार्ग का पुनर्निर्माण किया गया है। उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग ने रामबाड़ा से गरुड़ चट्टी तक के लगभग 6 किमी लंबे मार्ग को दोबारा से पुनर्जीवित कर दिया है। ये पुराना मार्ग फिर से शुरू किए जाने के बाद केदारनाथ पैदल मार्ग की दूरी लगभग 16 किमी रह जाएगी। इससे यात्रियों को समय और शारीरिक श्रम दोनों में सुविधा मिलेगी। इस मार्ग के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखते हुए विकसित किया गया है।

श्रद्धा, इतिहास और प्रकृति का मिलन स्थल

रामबाड़ा से गरुड़ चट्टी तक का पैदल मार्ग फिर से श्रद्धालुओं और साधु-संतों से गुलजार होने लगा है। यह मार्ग श्रद्धा, इतिहास और प्रकृति का मिलन स्थल माना जाता है। हालांकि कुछ स्थानों पर भूस्खलन का खतरा अभी भी बना हुआ है, लेकिन प्रशासन ने चिन्हित क्षेत्रों में सुरक्षा के ठोस उपाय किए हैं। जिला प्रशासन द्वारा जल्द ही यह तय किया गया है कि यह मार्ग वन वे रहेगा या दोनों दिशाओं के लिए खुला रहेगा।


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