उत्तराखंड: बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों से लिया जाएगा ग्रीनसेस, जानिए कितना होगा देय
अब दूसरे राज्यों से उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश करने वाले वाहन चालकों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी।
May 17 2025 3:40PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
बीते शुक्रवार को धामी कैबिनेट ने बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों से ग्रीनसेस वसूलने के फैसले को मंजूरी दे दी है। अब बाहरी राज्यों से आने वाले सभी निजी, व्यावसायिक वाहनों से प्रदेश में होने वाले प्रदूषण के एवज में कुछ चार्ज लिया जाएगा।
Green cess will collected from other states vehicles
उत्तराखंड में बाहरी राज्यों से आने वाले व्यावसायिक वाहनों से पहले से ही ग्रीन सेस लिया जा रहा है। लेकिन 2021 में चेकपोस्ट बंद होने के कारण अन्य राज्यों के निजी वाहनों से ग्रीन सेस वसूलना संभव नहीं हो पा रहा था। लेकिन अब कैबिनेट के निर्णय के अनुसार ग्रीन सेस की दरों में वृद्धि के साथ, बाहरी राज्यों के वाहनों को प्रवेश के लिए 80 से 700 रुपये का भुगतान करना होगा। उत्तराखंड में पंजीकृत वाहनों से नई व्यवस्था में ग्रीन सेस वसूली नहीं की जाएगी।
सीमाओं पर लगाए गए हैं ANPR कैमरे
बाहरी वाहनों से ग्रीनसेस वसूलने के लिए प्रदेश की सभी सीमाओं पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं। ऑटोमेटेड व्हीकल ग्रीन सेस कलेक्शन सिस्टम (AVGCCS) के लिए आवश्यक सॉफ्टवेयर भी तैयार किया गया है। भविष्य में उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले अन्य राज्यों के वाहनों की नंबर प्लेट को यह सॉफ्टवेयर रीड करेगा। इसके अलावा ये सॉफ्टवेयर राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) को वाहन की जानकारी के लिए अनुरोध भेजेगा। इस अनुरोध के बाद, NPCI संबंधित वाहन के फास्टैग वॉलेट को चिह्नित कर उसके खाते से निर्धारित ग्रीन सेस की राशि काट लेगा। यह पूरी प्रक्रिया कुछ सेकंड में पूरी हो जाएगी।
इतना वसूला जाएगा ग्रीन सेस
3 एक्सल भारी वाहनों से 450 रूपये ग्रीन सेस, 4 से 6 एक्सल वाले भारी वाहनों से 600 रूपये ग्रीन सेस, 7 एक्सल या इससे अधिक वाले वाहनों से 700 रूपये ग्रीन सेस, मध्यम और भारी माल वाहनों से (7.5 से 18.5 टन) 250 रूपये, हल्के माल वाहन से (3 से अधिक और 7.5 टन से कम) 120 रूपये, डिलीवरी वैन (3 टन तक) से 80 रूपये, भारी निर्माण उपकरण वाहन से 250 रूपये, 12 से अधिक सीट वाली बस से 140 रूपये और मैक्सी कैब और पैसेंजर कार से 80 रूपये ग्रीन सेस लिया जाएगा। लेकिन बाहरी राज्यों से आने वाले इलेक्टि्रक वाहन और दोपहिया वाहनों पर सेस नहीं लागू नहीं होगा।
दरों में 28 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी
गृह सचिव शैलेश बगौली ने जानकारी दी कि उत्तराखंड मोटरयान कराधान सुधार अधिनियम एवं नियमावली, 2003 के तहत ग्रीन सेस की व्यवस्था है। इसके अंतर्गत 2017 में प्रवेश उपकर के रूप में सेस निर्धारित की गई थी, और तब से इन दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई। अब इस प्रवेश उपकर की दरों में 28 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया गया है।