'गंगा एक्ट' के लिए 111 दिनों से अनशन पर बैठे स्वामी सानंद का निधन, पुलिस ने जबरदस्ती उठाया था
उत्तराखंड में गंगा नदी में खनन बंद करने की मांग को लेकर जाने माने पर्यावरणविद प्रोफेसर जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद का आज गुरुवार ऋषिकेश में निधन हो गया है।
Oct 11 2018 12:35PM, Writer:शैलेश
प्रोफेसर सानंद का निधन हो गया है। आज 11 अक्टूबर को स्वामी स्वामी सानंद ने 2 बजे आखिरी सांस ली। कल डीएम दीपक रावत के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ पुलिस बल के साथ पहुंचे थे और उन्होंने स्वामी सानंद को जबरदस्ती उठाकर एम्स ऋषिकेश में भारती किया था। स्वामी सानंद मां गंगा की दुर्दशा देखकर व्यथित थे, वो इतने दुखी हो गए थे कि उन्होंने अन्न-जल का त्याग कर दिया था। 101 दिनों तक बिना अन्न के रहने के बाद और फिर 10 दिनों तक पानी भी छोड़ देने के बाद उत्तराखंड का गंगा-पुत्र आज स्वर्ग सिधार गया। उत्तराखंड में नदियों के संरक्षण के लिए पूर्व प्रोफेसर ज्ञानस्वरूप सानंद लगातार 111 दिन से तप कर रहे थे, हैरानी की बात ये है कि कल 110 दिनों के बाद स्वामी के आखिरी समय पर प्रशासन ने नींद से जागते हुए उन्हें AIMS ऋषिकेश में भरती कराया था।
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उत्तराखंड में गंगा नदी में खनन बंद करने की मांग को लेकर जाने माने पर्यावरणविद प्रोफेसर जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद का आज गुरुवार ऋषिकेश में निधन हो गया है। ऋषिकेश एम्स के सूत्रों के हवाले से स्वामी सानंद ने आज दोपहर करीब 2 बजे अंतिम सांस ली। 101 दिनों से बिना अन्न ग्रहण लिए स्वामी सानंद ने अब जल भी त्याग दिया था। इस वजह से उन्हें ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया था। प्रशासन ने आश्रम और उसके पास धारा 144 भी लागू कर दी थी। आखिरी सांस तक उनकी मांग थी कि गंगा पर बन रही विद्युत परियोजनाओं को निरस्त किया जाए। इसके अलावा मंदाकिनी, भागीरथी, पिंडर, अलकनंदा, विष्णु गंगा और धौली गंगा नदी पर निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं पर रोक लगाई जाए। उनकी मांग ये भी थी कि गंगा क्षेत्र में वनों के कटान और खनन पर पूर्णरूप से रोक लगाई जाए। साथ ही ये मांग भी है कि गंगा से जुड़े अहम फैसलों के लिए गंगा भक्त परिषद का गठन हो।
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स्वामी सानंद का यह अनशन गंगा की स्वच्छता, अविरलता और निर्मलता के लिए था। आमरण अनशन के चलते उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आ रही थी। परसों यानि कि बुधवार से स्वामी सानंद ने जल भी त्याग दिया था। हरिद्वार स्थित मातृ सदन के संत ज्ञानांन्द से दीक्षा लेने वाले स्वामी सानंद को बीते नौ अक्टूबर को उनके अनशन स्थल हरिद्वार से उठा कर प्रशासन ने ऋषिकेश स्थित एम्स में भर्ती कराया था। सानंद की मांग थी कि इस परिषद में गंगा के पहलु पर जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों की टीम हो और सरकार या फिर ब्यूरोक्रेटस का हस्तक्षेप न हो। मांग पूरी न होने तक सानंद ने अन्न त्याग दिया था। वो अब तक जल, नमक, नींबू और शहद ले रहे थे। लेकिन अब हैरानी की बात थी कि उन्होंने जल भी त्याग दिया था। इसकी घोषणा सानंद द्वारा पहले ही कर ली गई थी। अब इस बात से प्रशासन के हाथ पांव फूल गए थे और डीएम दीपक रावत के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ पुलिस बल के साथ पहुंचे थे। परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती से सानंद को ऋषिकेश में भर्ती होने का आग्रह किया था जिसके बाद प्रशासन और डॉक्टर्स की टीम उन्हें ऋषिकेश एम्स लेकर चली गई थी।